RBI ने फिर दिया झटका, रेपो रेट में बढ़ोतरी, आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर? ऐसे करें कैलकुलेशन

नई दिल्ली 

RBI ने शुक्रवार को एकबार फिर बड़ा झटका देते हुए रेपो रेट में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया। इससे आपकी EMI बढ़ जाएगी। इससे होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की किस्त में भी इजाफा होगा। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meeting) की बुधवार से चल रही तीन दिनों की बैठक के शुक्रवार को सम्पन्न होने के बाद आज रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा की। उनका कहना था कि सर्वसम्मति से इसका फैसला किया गया है।

ऐलान से पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ग्लोबल महंगाई पर चिंता व्यक्त की। इसके बाद उन्होंने रेपो रेट को 0.50 फीसद बढ़ाने का ऐलान किया। रेपो रेट अब 4.90 से बढ़कर 5.40 फीसद पर पहुंच गया है। इसके साथ ही पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है अब इसका असर लोगों के होम लोन (Home Loan) से लेकर पर्सनल लोन (Personal Loan) तक की ईएमआई (EMI) पर दिखने वाला हैइस बढ़ोतरी के बाद ब्याज दरें अगस्त 2019 के लेवल पर पहुंच गई है।

7th pay Commission: आठवां वेतन आयोग को लेकर आया अपडेट, केंद्र सरकार ने कही ये बड़ी बात | DA /DR को लेकर रखा ये फैक्ट

आपको बता दें कि आरबीआई ने खुदरा मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए चालू वित्त वर्ष में अब तक रेपो दर को दो बार बढ़ाया गया था। मई में 0.40 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत। यह तीसरी बार है, जब रेपो रेट बढ़ाया गया है। इससे पहले रेपो रेट 4.9 प्रतिशत था, जो कोविड-पूर्व के स्तर 5.15 प्रतिशत से नीचे था।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ऊंची मुद्रास्फीति से जूझ रही है और इसे नियंत्रण में लाना जरूरी है।  दास ने कहा, ” मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी फैसला किया है।”आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।साथ ही केंद्रीय बैंक ने खुदरा महंगाई दर चालू वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है।

आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर? ऐसे करें कैलकुलेशन
मान लीजिए अगर आप 8.10 फीसदी की ब्याज दर पर 30 साल के लिए 30 लाख रुपए का होम लोन लेते हैं तो अब आपकी ईएमआई बढ़कर 22,222 रुपए प्रति महीना हो जाएगी और इस हिसाब से आपको 30 साल में कुल 79,99,920 रुपए चुकाने होंगे ये रकम मूल रकम से 49,99,920 रुपए  ज्यादा है

अब यहां आपको एक महत्वपूर्ण बात और जाननी चाहिए कि 7.60 फीसदी की ब्याज दर के मुकाबले जब आपके होम लोन की ब्याज दरें 8.10 फीसदी हो जाएंगी तो आपको हर महीने 1040 रुपए  ज्यादा देने होंगेइतना ही नहीं, जब आपके होम लोन की ईएमआई 7.60 फीसदी थी, उस हिसाब से 30 साल की कुल देनदारी 46,25,520 रुपए पड़ रही थी, जो 8.10 फीसदी ब्याज दर होने के बाद 49,99,920 रुपए  हो जाएगी यानी यहां भी आपको अब 3,74,400 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे

जानिए क्या होती है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आर्थिक नीतियों की समीक्षा के दौरान हर बार रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर जैसे शब्द आते हैं, जिन्हें आम आदमी के लिए समझना थोड़ा मुश्किल होता है। आइए आसान भाषा में जानें रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर का मतलब और इससे आपके जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है।

रेपो रेट (Repurchase Rate or Repo Rate)
इसे आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है। बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है और वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज लेते हैं। इस ऋण पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।

आम आदमी पर ये पड़ता है प्रभाव
जब बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा यानी रेपो रेट कम होगा तो वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं। और यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे।

साहब छुट्टी दे दीजिए, पत्नी रूठकर मायके चली गई है; उसे मनाने जाना है

7th pay Commission: आठवां वेतन आयोग को लेकर आया अपडेट, केंद्र सरकार ने कही ये बड़ी बात | DA /DR को लेकर रखा ये फैक्ट

11 करोड़ का मिड डे मील डकार गया प्राइमरी टीचर, आधा दर्जन बैंक और सात विभाग घोटाले में शामिल

सऊदी अरब में मिला प्राचीन मंदिर, 8000 साल पुरानी सभ्यता की हुई खोज

CBI ने रेलवे में किया रिश्वत रैकेट का भंडाफोड़, तीन अफसर गिरफ्तार, रैकेट में शामिल दो अन्य भी हत्थे चढ़े, 46.50 लाख कैश बरामद, जानिए घूस का पूरा गठजोड़