नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो
रेलवे में लाइन बॉक्स बन्द कर लोको पायलट व गार्ड को ट्राली बैग देने के फैसले का देशभर में विरोध शुरू हो गया है। आदेश जारी होने के बाद लंबे समय से रेलवे गार्ड और ड्राइवर लगातार इसका विरोध कर थे, लेकिन अब इस आदेश को कुछ ट्रेनों में जल्द लागू किए जाने से देशभर में जगह-जगह बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू हो हो गए हैं। रेलवे गार्ड और ड्राइवर का कहना है कि वे रेलवे के इस आदेश को नहीं मानेंगे।
दरअसल अभी तक रनिंग स्टाफ यानी लोको पायलट और गार्ड को हर ट्रिप में जो टूलबॉक्स दिया जाता है,जिसे लाइन बॉक्स कहते हैं। उसे रेलवे स्टेशन से ट्रेन के इंजन या ब्रेक वैन तक पोर्टर पहुंचाता है। रेल मंत्रालय ने फैसला किया है कि अब टूलबॉक्स की जगह लोको पायलट और गार्ड को ट्राली बैग दे दिया जाए। सारा सामान इसी ट्राली बैग में रहेगा। ट्राली बैग ड्राइवर और गार्ड को खुद खींच कर ले जाना होगा और इंजन व ब्रेक वैन में रखना होगा। ट्राली बैग में कम से कम 40 किलो वजन का सामान होगा। इसी नयी व्यवस्था का रेलवे ड्राइवर और गार्ड विरोध कर रहे हैं।
विस्फोटक का खतरा होगा
रेलवे गार्ड और ड्राइवर का कहना है कि लाइन बॉक्स में सुरक्षा के उपकरण होते हैं। जिनमें विस्फोटक भी होता है जो अंधेरे में दुर्घटना के दौरान हवा में फेंक कर दूर सूचना देने के काम आता है। वहीं इस लाइन बॉक्स में रखे समान का वजन भी 40 किलो के लगभग होता है जो नई व्यवस्था में खुद यह वजन उठाकर ट्रेन में जाना होगा और वापस लौटते समय इसे स्टेशन के रूम में जमा करवना होगा।
रेलवे गार्ड और ड्राइवर का कहना है कि विस्फोटक को पीठ पर लादना खतरनाक है और फिर इतना वजन लादना भी रोज मुमकिन नहीं। गार्ड और ड्राइवर वजन ढोने का काम नहीं करेगा। रेलवे यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो रेल रोको आंदोलन भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि कि लाइन बाक्स हटाने से ना केवल ट्रेन मैनेजरों को परेशानी होगी। बल्कि यात्री व ट्रेन की सुरक्षा व संरक्षा भी प्रभावित होगी। साथ ही बाक्स पोर्टर के रूप में कार्यरत हजारों कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। लाइन बाक्स परिवहन के कार्य में आज भारतीय रेल हजारों की संख्या में बाक्स पोर्टर इस कार्य में कार्यरत हैं।
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