रुक्टा राष्ट्रीय ने रखा व्याख्यान: राष्ट्रीय शिक्षा नीति बदलते भारत की आधारशिला है: डॉ. गुप्ता

अजमेर 

राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (रुक्टा) राष्ट्रीय की अजमेर इकाई द्वारा ‘बदलते भारत की तस्वीर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ विषय पर रविवार को आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अतिरिक्त महामन्त्री (उच्च शिक्षा संवर्ग) डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति बदलते भारत की आधारशिला  एवं विश्व में भारतीय नेतृत्व, अनुपम कौशल और गौरवमयी नागरिक निर्माण की अभिव्यक्ति है।

डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने नई शिक्षा नीति को आवश्यक बताते हुए इसे लागू करने के लिए सरकार के सरोकार, शिक्षकों के उत्तरदायित्व और सामाजिक जागरुकता की महत्ता को प्रतिपादित किया। डॉ. गुप्ता ने कहा कि शिक्षा में बदलाव ज़रूरी है, दुनिया बदल गई लेकिन हमारी सोच नहीं बदली। आज भी हम नौकरी, कॅरियर, डमी स्कूल, उत्तीर्ण-अनुत्तीर्ण होने, वेतन, डिग्री जैसे मुद्दों से अलग नहीं कर पाए हैं। शिक्षा में कौशल, समानता, सहजता, स्टार्ट-अप, नवीनता, व्यावसायिक उपक्रम की बात करने की ज़रूरत है।

डा. गुप्ता ने कहा कि 21वीं सदी के कौशल के लिए इस देश के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आवश्यक है। सतत समग्र मूल्यांकन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, तकनीकी कौशल, भाषाई विस्तार, नए युग के लिए नए नागरिक, स्वयं को बदलने की असीम शक्ति से ओतप्रोत बनने, शैक्षिक बदलाव, शिक्षण में सुधार, नया भारत, नया विद्यार्थी, नया शिक्षक, नया समाज तैयार करने आदि सशक्त विचारों को लागू करने की असीम सामर्थ्य है इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में। धीरे-धीरे समयबद्ध तरीके से गौरवमयी भारत और सशक्त भारतीय बनने के लिए इस नीति को सफल बनाने के लिए प्रत्येक भारतीय को मिलकर अग्रसर होने की आवश्यकता है। डा.गुप्ता ने प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से श्रोताओं की जिज्ञासा का समाधान किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ शारदा के समक्ष दीप-प्रज्वलन के साथ हुआ। सर्वप्रथम विशिष्ट अतिथि मयूर स्कूल के प्राचार्य अधिराज सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए शिक्षा की सार्वभौमिक पहुँच को विकसित करने के लिए नई शिक्षा नीति को महत्त्वपूर्ण बताया।  सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने स्कूली शिक्षा को कक्षा 1 से 5, कक्षा 6 से 8 और कक्षा 9 से 12 में विभाजित शिक्षा को एक बेहतर क्रमिक व्यवस्था प्रदान की है। इस शिक्षा नीति ने बहुभाषिता, सतत मूल्यांकन, विषय चुनाव की पूरी छूट जैसे महनीय उपायों की महत्ता को परिलक्षित किया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. सुशील कुमार बिस्सु, महामन्त्री,  राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के इस महत्त्वपूर्ण आयाम से स्वयं को जोड़ने, इसकी नीतियों को आत्मसात् करने, उसमें यथासमय, यथावश्यक संशोधन और परिवर्तन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें अपने क्षुद्र स्वार्थों को छोड़कर शिक्षा-शिक्षार्थी हित में लगेंगे तो ही यह नीति भारत के सुनहरे भविष्य की नींव बन सकेगी।

कार्यक्रम में अजमेर जिले के राजकीय और गैर राजकीय विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान एवम् शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के लगभग 200 से अधिक शिक्षाविदों ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन रुक्टा राष्ट्रीय के अजमेर विभाग अध्यक्ष डॉ. अनिल गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनूप कुमार आत्रेय ने किया।

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