CM अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत पर ई-टॉयलेट टेंडर दिलाने के नाम पर 6.80 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप, FIR दर्ज

जयपुर 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है।  वैभव गहलोत सहित 14 जनों के खिलाफ विज्ञापन के लिए ई-निविदा दिलाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से करोड़ों रुपए  ठगने का मामला महाराष्ट्र के गंगापुर थाने में दर्ज किया गया है।

आरोप कि वैभव गहलोत सहित अन्य लोगों ने राजस्थान में ई- टायलेट बनाने का टेंडर दिलाने के नाम पर महाराष्ट्र के नासिक में साठगांठ करने की कोशिश की। पूरे मामले में छह करोड़ से ज्यादा के भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। इस बीच भाजपा को एक मुद्दा हाथ लग गया है। भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ ने एक न्यूज वीडियो जारी करके सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है । भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने एक ट्वीट करके कहा कि मुख्यमंत्री के सुपुत्र का नाम इन मराठी ख़बरों में सुनाई दे रहा है, मुख्यमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। राजस्थान की जनता सिर्फ़ सच्चाई जानना चाह रही है।

जानकारी के अनुसार वैभव गहलोत सहित 14 लोगों के खिलाफ पर्यटन विभाग में ई-टॉयलेट सहित सरकारी विभागों में टेंडर दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए नासिक के गंगापुर थाने में 17 मार्च को  कोर्ट के आदेश पर यह  FIR दर्ज हुई है। पीड़ित कारोबारी सुशील भालचंद्र पाटिल ने 6.80 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। मुख्य आरोपी गुजरात कांग्रेस के सचिव सचिन पुरुषोत्तम वालेरा हैं।

सुशील पाटिल की FIR के मुताबिक, सचिन वालेरा ने खुद को एडवरटाइजिंग कारोबारी बताते हुए कहा कि उसके पास 13 राज्यों में पेट्रोल पंपों पर विज्ञापन का कॉन्ट्रैक्ट है। उसने दावा किया कि उसका राजस्थान के मुख्यमंत्री और उनका बेटे के साथ अच्छे संबंध हैं। उसने राजस्थान के मुख्यमंत्री के आर्थिक मामले देखने का भी दावा किया। उसने यह भी कहा कि कुछ महीने से पंजाब में काम करने लगा हूं और पंजाब के मुख्यमंत्री को ओबी वैन भेंट की है। सचिन ने उसके काम में निवेश करने पर करोड़ों के मुनाफे का भरोसा दिलाया और कहा कि आपको केवल नाम के लिए टेंडर में भाग लेना है। बाकी का काम वैभव गहलोत देखेंगे। सचिन ने इस निवेश के बारे में सारी जानकारी दी। राजस्थान सरकार द्वारा जारी किए गए सर्कुलर दिखाए,जो बाद में फर्जी पाए गए थे।

बैंक खातों में ट्रांसफर किए पैसे
पीड़ित की FIR के अनुसार  उसने सचिन वलेरा के उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में अलग-अलग समय पर 6 करोड़ 80 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। उस समय कई महीने तक सचिन वलेरा और वैभव गहलोत ने बैंक खाते में निवेश पर मासिक रिटर्न ट्रांसफर कर दिया था। इसे देखते हुए कई और सहयोगियों ने भी निवेश किया। आरोप है कि सचिन और वैभव ने अचानक मंथली भुगतान बंद कर दिया।

वैभव गहलोत पर जुआ खेलने का आरोप
FIR मे वैभव गहलोत पर जुआ खेलने का आरोप लगाया गया है। पीड़ित का आरोप है कि मुझे सूचना मिली कि वैभव गहलोत टी—20 क्रिकेट मैचों के लिए एक जुआरी है और वह अपना मासिक रिफंड इस पर खर्च करता है। इस बीच सचिन ने भुगतान करने के लिए समय मांगा। बाद में सचिन ने पैसा मांगने पर गालियां देनी शुरू कर दीं। उसने फोन उठाना भी बंद कर दिया।

सचिन वेलेरा ने पर्यटन विभाग के जिन टेंडरों के दस्तावेज दिखाए, जांच में वे सब फर्जी पाए गए। ई टॉयलेट के टेंडर थे ही नहीं। बाद में जब भुगतान नहीं मिला और फर्जीवाड़े का अहसास हुआ तो पीड़ित ने नासिक कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने नासिक के गंगापुर थाने को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

ये हैं आरोपी
सचिन भाई पुरुषोत्तमभाई वेलेरा, वैभव गहलोत, किशन कैंटेलिया, सरदार सिंह चौहान, प्रवीण सिंह चौहान, सुहास सुरेंद्रभाई मकवाल, निवभाई महेशभाई वीर्माभट, विश्वरंजन मोहंती, राजबीर सिंह शेखावत, प्रग्नेश कुमार विनोदचंद्र प्रकाश, संजय कुमार देसाई, सावन कुमार ए. पारनर, रिशिता शाह और विराज गनवाल।

वैभव गहलोत बोले मेरा इससे कोई संबंध नहीं
वैभव गहलोत ने ट्वीट कर इस FIR पर अपनी सफाई दी है। वैभव गहलोत ने किसी जानकारी से इनकार करते हुए आरोपों को गलत बताया है। वैभव ने लिखा- मीडिया में किसी प्रकरण को लेकर जिस तरह चल रहा है, जिसमें मेरा नाम भी डाला गया है। मुझे उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और मेरा इस सब से कोई सम्बन्ध नहीं है। हम सभी जानते हैं कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे झूठे आरोपों के साथ-साथ ऐसी कारस्तानियां और मैनिपुलेटेड बातें सामने आएंगी।

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