नई दिल्ली
Indian Railway : जमाना मार्केटिंग का है। आप कस्टमर्स से उसको दी हुई सर्विस या वस्तु का दाम तभी वसूल पाएंगे जब आपने उसकी दर मुनासिब रखी हो। वरना आप घाटा उठाएंगे और एकदिन ऐसा आएगा कि आपकी दुकान के ही बंद होने की नौबत आ जाएगी। पिछले कुछ महीनों से ऐसा ही कुछ रेलवे के साथ हो रहा है। रेलवे बोर्ड ने अपनी मनमर्जी से कुछ ट्रेनों का इतना अधिक किराया तय कर दिया कि पैसेंजर्स ही रूठ गए और इतने रूठे कि उन्होंने इन ट्रेनों से मुंह ही फेर लिया। नतीजतन ये कुछ ट्रेन घाटे की स्थिति में आ गईं। इससे रेलवे बोर्ड को अक्ल आ गई और उसे इनके किराए की समीक्षा करनी पड़ी। अब बोर्ड अपने पैसेंजर्स को इन ट्रेनों की ओर आकर्षित करने के लिए मान-मनुहार कर रहा है। इसके तहत उसने इन ट्रेनों के किराए में पच्चीस फीसदी तक कमी करने का फैसला किया है।
दरअसल रेलवे ने वंदे भारत सहित लग्जरी ट्रेनों के एसी चेयर कार (AC Chair Cars), एग्जीक्यूटिव क्लास (Executive Classes) और अनुभूति (Anubhuti) और विस्टाडोम (Vistadome) कोच में इतना ज्यादा किराया तय कर दिया था कि इन कोच में यात्री भार बहुत कम मिल रहा था। रेलवे ने वंदे भारत सहित देश के कई लग्जरी ट्रेनों में सामान्य ट्रेनों के मुकाबले किराया दोगुने से ज्यादा तय कर रखा था। इसलिए पैसेंजर्स ने इन ट्रेनों में सीट मौजूद होने के बाद भी इनमें सफर करना पसंद नहीं किया। वहीं रेल के संचालन की लागत बढ़ती जा रही थी।
पैसेंजर्स इतने रूठे कि घाटे में पहुंचा दिया
इस वजह से यात्रियों ने बहुत ही अच्छी ट्रेन होने के बाद भी इनमें बैठना पसंद नहीं किया। पैसेंजर्स इतने रूठ गए थे कि उन्होंने इन ट्रेनों को घाटे की स्थिति में पहुंचा दिया। यानी रूठे पैसेंजर्स ने एक तरह से बायकाट करके रेलवे की अक्ल ठिकाने लगा दी और तब जाकर रेलवे को वंदे भारत ट्रेन और एसी चेयर यान वाले ट्रेनों का किराया घटाने का फैसला करना पड़ा। रेलवे ने अपनी समीक्षा बैठक में इन ट्रेनों के किराए में अधिकतम 25 फीसदी तक छूट देने का निर्णय किया।
रेलवे बोर्ड के आदेश के अनुसार रेलवे जल्द ही वंदे भारत सहित लग्जरी ट्रेनों के एसी चेयर कार (AC Chair Cars), एग्जीक्यूटिव क्लास (Executive Classes) और अनुभूति (Anubhuti) और विस्टाडोम (Vistadome) कोच वाले किराए में 25 प्रतिशत तक की कटौती करेगा। ट्रेनों में अधिक यात्रियों आकर्षित करने के लिए रेल मंत्रालय ने एसी सिटिंग वाली ट्रेनों के किराए में छूट देने का फैसला किया है।
ये है रेलवे का प्रस्ताव
रेलवे बोर्ड ने रेलवे के विभिन्न जोनों (zones) से उन ट्रेनों में रियायत देने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है जिनमें पिछले 30 दिनों के दौरान 50 प्रतिशत से कम सीटें भरी हैं। रेलवे ने कहा कि किराए में यह कमी ट्रेनों में सीट भरने के आधार पर की जाएगी। इसके अलावा किराया परिवहन के प्रतिस्पर्धी साधनों पर भी निर्भर करेगा।
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