जयपुर
राजस्थान यूनिवर्सिटी के आधा दर्जन सहायक प्रोफ़ेसर राज्य सरकार के आदेशों के बाद भी अपनी पदोन्नति के लिए भटक रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए ये आधा दर्जन शिक्षक 26 दिसंबर, 2022 से धरने पर बैठे हैं।
ये वो सहायक प्रोफ़ेसर हैं जिन्हें राज्य सरकार ने 28 फरवरी, 2022 व 20 अक्टूबर, 2022 को जारी आदेश के अनुसार राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन को 272 अन्य शिक्षकों के समकक्ष मानते हुए पदोन्नति का लाभ देने के लिए निर्देशित किया था, परंतु विश्वविद्यालय ने आज तक कुछ नहीं किया है।
इन सहायक प्रोफ़ेसर का कहना है कि विश्वविद्यालय सिंडिकेट ने 05 मई, 2022 तथा 26 दिसंबर, 2022 को उनके संबंध में राज्य सरकार के दोनों आदेशों को स्वीकृति प्रदान कर दी हैं। इसके उपरांत भी आज तक विश्वविद्यालय प्रशासन न तो राज्य सरकार के आदेश मान रहा है और न ही विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बात सुन रहा है जबकिविश्वविद्यालय में आज तक यह नियम रहा है कि सिंडिकेट/ सरकार के निर्णय को अविलंब लागू किया जाता है। इन आधा दर्जन शिक्षकों में शामिल एक शिक्षक डॉ. रमेश चावला 272 शिक्षकों में एकमात्र अनुसूचित जाति के शिक्षक हैं।
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