2nd National Judicial Pay Commission: SC के इस आदेश से न्यायिक अधिकारियों की अब तिगुनी हो जाएगी सैलरी

नई दिल्ली 

सुप्रीम कोर्ट ने  दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (Second National Judicial Pay Commission) की सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने यह फैसला ‘‘ऑल इंडिया जजेस एसोसिएशन’ की अर्जी पर दिया जिसने न्यायिक अधिकारियों की सेवा शर्तें सहित कई मुद्दे उठाए थे।

माना जा रहा है कि आयोग की इन सिफारिशों के लागू होने के बाद जिला अदालतों व हाई कोर्ट के मातहम काम कर रहीं अन्य अदालतों के जजों-न्यायिक अधिकारियों का वेतन करीब तिगुना हो जाएगा संशोधित पे-स्केल 01 जनवरी 2016 से लागू होगा और एरियर को तीन हिस्सों में दिया जाएगा

अनंतकाल तक इंतजार नहीं किया जा सकता
प्रधान न्यायाधी एन.वी.रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि वेतन ढांचे में तत्काल प्रभाव से संशोधन किया जाना चाहिए क्योंकि न्यायिक अधिकारी केंद्र और राज्य के किसी वेतन आयोग के तहत कवर नहीं होते हैं। पीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को बढ़े हुए वेतन के एरियर का भुगतान तीन किस्तों में किया जाए।

सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश रमण ने कहा, ‘‘ हम अनंतकाल तक इंतजार (दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए) नहीं कर सकते हैं….पहले ही साढ़े छह साल की देरी हो चुकी है। वर्ष 2016 से ही वे इंतजार कर रहे हैं। जहां तक वेतनमान का सवाल है, तो हम उसे लागू कर रहे हैं।’’

आपको बता दें कि न्यायिक अधिकारियों का वेतन साल 2010 के बाद से नहीं बढ़ा था। इस कारण भी वेतन बढ़ाने की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। सालों के इंतजार के बाद अब न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने जा रही हैं।  सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की सिफारिशों (Recommendations Of Second National Judicial Pay Commission) के आधार पर सबऑर्डिनेट जुडिशियरी में काम कर रहे न्यायिक अधिकारियों (Judicial Officers) के लिए बढ़ा पे-स्केल (Pay-Scale) लागू करने का निर्देश दिया है। आयोग की सिफारिशें अमल में आते ही इन अधिकारियों का वेतन एक झटके में करीब तीन गुना बढ़ जाएगा।

तीन हिस्सों में मिलेगा एरियर
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आयोग की सिफारिशों के आधार पर संशोधित पे-स्केल 01 जनवरी, 2016 से लागू किया जाए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एरियर के 25 फीसदी हिस्से का भुगतान अगले तीन महीने में कैश में करना होगा इसके बाद अन्य 25 फीसदी हिस्से का भुगतान इसके अगले तीन महीने में करना होगा बाकी बचे 50 फीसदी एरियर का भुगतान अगले साल तक किया जा सकता है सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को इस संबंध में तीन महीने के बाद शपथपत्र (Affidavit) दायर करने को कहा है

अब इतना हो जाएगा वेतन, पेंशन भी बढ़ी
आयोग ने रिपोर्ट में एक पे-मैट्रिक्स (Pay-Matrix) की सिफारिश की है दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग ने सबऑर्डिनेट जुडिशियरी के न्यायिक अधिकारियों व जजों का वेतन 2.81 गुना करने की सिफारिश की है आयोग की इस सिफारिश के अमल में आने के बाद जिन जूनियर सिविल जजों यानी फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट का वेतन 27,700 रुपए  है, वह अब बढ़कर 77,840 रुपए  हो जाएगा सेलेक्शन ग्रेड और सुपर टाइम स्केल डिस्ट्रिक्ट जजों के हिस्से को भी क्रमश: 10 फीसदी और 5 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की गई है इसी तरह आयोग ने पेंशन को भी बढ़ाने की सिफारिश की है

भारत में न्यायपालिका (Indian Judiciary) तीन श्रेणियों में बंटी हुई है इसमें टॉप टिअर पर सुप्रीम कोर्ट है इसके बाद दूसरे टिअर पर राज्यों के हाई कोर्ट (High Courts) हैं जिलों में काम कर रही जिला अदालतें व अन्य अदालतें सबऑर्डिनेट जुडिशियरी की कैटेगरी में आती हैं, क्योंकि ये अदालतें संबंधित राज्यों के हाई कोर्ट के मातहत काम करती हैंसबऑर्डिनेट जुडिशियरी में फिलहाल करीब 23 हजार जज व न्यायिक अधिकारी काम कर रहे हैं अभी सबऑर्डिनेट जुडिशियरी के न्यायिक अधिकारियों व जजों को राज्यों के हिसाब से अलग-अलग वेतन मिलता है इसमें एकरूपता लाने, पे-स्केल की समीक्षा करने और काम करने की स्थितियों पर गौर करने के लिए साल 2017 में दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग का गठन किया गया था आयोग ने साल 2018 में अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी

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