नई दिल्ली
ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे पर बड़ा एक्शन लेते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे की महाप्रबंधक अर्चना जोशी को उनके पद से हटा दिया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अनिल कुमार मिश्रा को दक्षिण पूर्व रेलवे का नया महाप्रबंधक बनाने को मंजूरी दी है। अर्चना जोशी को नई जिम्मेदारी दी गई है। इस बीच CRS ने भी रेलवे बोर्ड को इस हादसे को लेकर रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें दो विभागों के स्टेशन स्टाफ को दोषी पाया गया है।
आपको बता दें कि बालासोर ट्रेन हादसे की शुरुआती जांच कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) को सौंपी गई थी। रिपोर्ट में CRS ने किसी ‘बाहरी हस्तक्षेप’ का जिक्र नहीं किया है। रिपोर्ट में दो डिपार्टमेंट सिग्नलिंग और ऑपरेशन्स (ट्रैफिक) विभाग के स्टेशन स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में CRS ने किसी ‘बाहरी हस्तक्षेप’ का जिक्र नहीं किया है। इस पहलू की जांच CBI कर रही है।
सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, CRS रिपोर्ट 27 जून को सौंपी गई थी। जांच में पाया गया है कि सिग्नलिंग मेंटेनर ने स्टेशन मास्टर को मरम्मत काम के लिए “डिस्कनेक्शन मेमो” जमा किया था। ये प्रक्रिया का हिस्सा है। मरम्मत के बाद एक “रीकनेक्शन मेमो” भी जारी किया गया था। यानी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग सिस्टम सही था। लेकिन ट्रेन पास कराने से पहले सिग्नलिंग सिस्टम की जांच के लिए सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया कि रिले रूम में जाने के लिए बने प्रोटोकॉल में भी खामीपाई गई। रिले रूम इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग सिस्टम का सेंटर होता है, जहां से सबकुछ ऑपरेट होता है। इसकी जवाबदेही सिग्नलिंग स्टाफ और स्टेशन मास्टर दोनों की होती है।
रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार ऐसा प्रोटोकॉल है कि रेलवे की किसी संपत्ति का जब मेंटनेंस किया जाता है तो ट्रेन की सुरक्षा के लिए इंजीनियरिंग स्टाफ के साथ ऑपरेशन्स स्टाफ भी जिम्मेदार होते हैं। चाहे वो ट्रैक से जुड़ा हो या सिग्नलिंग से जुड़ा मामला हो।
क्या है कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS)
CRS एक सरकारी एजेंसी है। ये देश में रेलवे सेफ्टी अथॉरिटी के तौर पर काम करता है। रेलवे एक्ट 1989 के अनुसार, इसका काम ट्रेन के सफर में सुरक्षा और संचालन को सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही ये जांच और परामर्श देने के साथ कानूनी काम भी देखता है। इसका एक अहम काम सीरियस ट्रेन हादसों की जांच-पड़ताल करना भी है। CRS रेल मंत्रालय के नियंत्रण में नहीं है। ये मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के तहत काम करता है। ऐसा इसलिए ताकि ये रेलवे बोर्ड और विभागों के प्रभाव से दूर रह सके।
CBI की जांच जारी
इधर केंद्र सरकार के आदेश के बाद 6 जून को CBI ने भी ट्रेन हादसे की जांच शुरू की थी। CBI रेलवे स्टाफ से लगातार पूछताछ कर रही है। रेलवे के सूत्रों ने अखबार को बताया कि जांच एजेंसी ने इससे पहले बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के रिले रूम, पैनल और दूसरे सामानों को सील किया था। बहानगा स्टेशन के स्टाफ सहित कई और रेलवे अधिकारियों से भी पूछताछ हुई थी। उनके मोबाइल फोन जब्त किए गए थे। रिकॉर्ड रूम से हादसे से पहले और बाद के डिजिटल लॉग्स को सीज किया गया था।
रेलवे लिया ये एक्शन
इस बीच ओडिशा के बालासोर रेल हादसे के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे की महाप्रबंधक अर्चना जोशी को उनके पद से हटा दिया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अनिल कुमार मिश्रा को दक्षिण पूर्व रेलवे का नया महाप्रबंधक बनाने को मंजूरी दी है। अर्चना जोशी को कर्नाटक के येलहंका में रेल पहिया फैक्टरी का महाप्रबंधक बनाया गया है।
इससे पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए रेलवे बोर्ड ने खड़गपुर के डीआरएम एमडी शुजात हाशमी के साथ-साथ दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय के तीन प्रधान अधिकारियों प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी अधिकारी चंदन अधिकारी, प्रिंसिपल चीफ कॉमर्शियल मैनेजर मोहम्मद ओवैस, आइजी सह प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर डीबी कसार, प्रधान मुख्य सिग्नल व दूरसंचार इंजीनियर (पीसीएसटीइ) प्रदीप एम सिकदर का तबादला कर दिया गया था। आने वाले समय में बालासोर रेल हादसे की गाज कई अन्य छोटे अधिकारियों पर भी गिर सकती है।
ओडिशा के बालासोर में बाहानगा बाजार स्टेशन के पास 2 जून को भीषण रेल हादसा हुआ था। हादसे के कारण 291 लोगों ने जानें गंवा दीं और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। शाम के करीब 7 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिससे उसके ज्यादातर डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उसी समय वहां से बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस गुजर रही थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे बेंगलुरु हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले डिब्बों पर पलट गए थे।
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