कर्मचारियों को प्रथम वेतन वृद्धि 6 माह में मिलना हुआ सुनिश्चित, अब वेतन वृद्धि की होगी दो तिथियां | गहलोत मंत्रिमंडल की बैठक में मिली मंजूरी | महिला कार्मिकों के हित में हुआ ये फैसला

जयपुर 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार को सीएम हॉउस पर हुई पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कर्मचारी हितों को देखते हुए कई प्रस्तावों पर मुहर लगाईं गई। वहीं महिला कार्मिकों के लिए राजस्थान सिविल सर्विसेज (अलॉटमेंट ऑफ रेजिडेंशियल एकोमोडेशन) रूल्स, 1958 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन भी  मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया।

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मंत्रिमण्डल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे कार्मिक की पदोन्नति या एसीपी लगने पर पदोन्नति पद के पे-लेवल में समान सेल होने पर आगामी सेल में वेतन नियत हो सकेगा। इससे कार्मिक के वेतन में वृद्धि होगी। साथ ही, वर्तमान में एक ही वेतन वृद्धि की तिथि के स्थान पर अब दो वेतन वृद्धि की तिथियां (1 जनवरी और 1 जुलाई) निर्धारित की गई हैं। इससे कार्मिकों को प्रथम वेतन वृद्धि 6 माह में ही मिल जाएगी। इन संशोधनों से विभिन्न सेवाओं के पदनाम भी सेवा नियमों के अनुरूप हो जाएंगे।

महिला कार्मिकों को ये मिली राहत
मंत्रिमण्डल ने महिला राजकीय कार्मिकों को गर्भावस्था के दौरान स्थानांतरण पर होने वाली परेशानियों से राहत देने के लिए राजस्थान सिविल सर्विसेज (अलॉटमेंट ऑफ रेजिडेंशियल एकोमोडेशन) रूल्स, 1958 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। उक्त संशोधन से महिला राजकीय कर्मचारी जिसको राजकीय आवास आवंटित किया जा चुका है, वह उस आवास को मातृत्व अवकाश की समाप्ति तक सामान्य किराए पर रख सकेगी।

उद्योग विभाग का नाम होगा अब उद्योग एवं वाणिज्य विभाग
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान उद्योग सेवा नियम-1960, राजस्थान उद्योग अधीनस्थ सेवा नियम-1966 एवं राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती) नियम-1999 में परिशिष्ट ‘च’ में संशोधन कर इनमें उद्योग विभाग का नाम उद्योग एवं वाणिज्य विभाग करने का निर्णय लिया है। नाम परिवर्तन होने से विभाग के अधिकारियों का पदनाम भी संशोधित हो जाएगा।

राज्य के अभ्यर्थियों को सरकारी सेवा में मिल सकेंगे अधिक अवसर
मंत्रिमण्डल ने राजकीय सेवाओं में प्रदेश के अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक नियाेिजत करने और शीघ्रलिपि में दक्ष अभ्यर्थी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम 1999, राजस्थान सचिवालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम 1970 तथा राजस्थान लोकसेवा आयोग (लिपिकवर्गीय एवं अधीनस्थ सेवा) नियम और विनियम 1999 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इसके अंतर्गत शासन सचिवालय, अधीनस्थ कार्यालयों एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग से संबंधित मंत्रालयिक सेवा नियमों में शीघ्रलिपिक/निजी सहायक ग्रेड-।। के पाठ्यक्रम में राजस्थान के सामान्य ज्ञान को वेटेज देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, फेज-।। के लिए विज्ञापित पदों में 15 गुणा विद्यार्थियों को सम्मिलित करने तथा शीघ्रलिपि को वेटेज देने संबंधी प्रावधान भी किए गए हैं।

मंत्रिमण्डल की बैठक में नवीन जिलों के गठन के लिए बनाई गई राम लुभाया कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा पूर्ण हो गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन नवीन जिलों से राज्य के विकास को एक नई गति मिलेगी तथा आमजन की सुगमता बढेगी। इस बार के बजट में 19 जिलों की घोषणा की गई थी। इस क्रम में रामलुभाया समिति द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट, विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त ज्ञापनों और जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुये केबिनेट द्वारा आंकलन कर सीमा निर्धारण के संबंध में चर्चा की गई।

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