मुजफ्फरनगर
उत्तरप्रदेश (UP) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में नई मंडी थाना क्षेत्र में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) शाखा के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक, तत्कालीन प्रबंधक समेत पांच जनों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। इन आरोपितों ने लोन नहीं चुकाने पर बैंक में बंधक रखी गईं सम्पत्तियां नीलामी से पहले ही औने पौने दामों में माफियाओं को बेच दी। और नीलामी से 20 दिन पहले ही मकान पर लोन को पास करा लिया।
पुलिस में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि बैंक अधिकारियों ने मकान संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसकी नीलामी में बेचना दिखा दिया। मामले का राजफाश हुआ तो उपभोक्ता और बैंक में खलबली मच गई। पीड़ित का आरोप है कि मामला देहरादून न्यायालय में विचाराधीन है, उसके बावजूद उसके मकान को वास्तविक मूल्य से कम कीमत में बेच दिया गया। इस प्रकरण में पंजाब नेशनल के मुख्य प्रबंधक, प्रबंधक समेत संपत्ति खरीदने वाले व्यक्ति के विरुद्ध धोखाधड़ी और षड्यंत्र बेचने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
नई मंडी थाना क्षेत्र की द्वारिकापुरी कालोनी निवासी प्रदीप मित्तल पुत्र स्व. रामरतन मित्तल ने दर्ज कराए अभियोग में बताया उसका एक मकान नंबर 15 गली नंबर 1 मोहल्ला द्वारिकापुरी में है। जिस पर पीएनबी बैंक का ऋण चल रहा था, लेकिन व्यापार में हानि होने के कारण ऋण जमा नहीं कर पा रहा था। जिसका लाभ उठाकर बैंक कर्मचारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से बिना सरफेसी कार्रवाई किए ही मकान की नीलामी करा दी। पीड़ित ने मामले को लेकर डीआरटी कोर्ट देहरादून में वाद दायर कर रखा है। जिसमें कोई निर्णय नहीं आया है। इसी बीच बैंक के अधिकारियों ने 12 सितंबर 2024 को न्यायालय में जवाब दाखिल किया। जिसमें पीड़ित को मालूम हुआ कि बैंक कर्मचारी व नीरज कुमार गोयल ने उसके मकान को धोखाधड़ी से अपने नाम करा लिया है। बैंक अधिकारियों ने मकान की नीलामी दिनांक 12 अप्रैल 2022 को हुई थी।
नीलामी से 20 दिन पहले कराया लोन पास
आरोप है कि मकान पर नीरज कुमार गोयल ने पीएनबी बैंक कर्मचारियों व सेवी फाईनेंस प्राइवेट लिमिटेड से मिलकर नीलामी से 20 दिन पहले 28 मार्च 2022 में ही ऋण पास करा लिया, जो संभव नहीं है। आरोपित बैंक कर्मचारी नीरज गोयल व पीएनबी के मुख्य प्रबंधक जसवेन्द्र सिंह, नई मंडी शाखा के तत्कालीन प्रबंधक आशीष कुमार और सेवी प्राइवेट फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारियों ने बैंक में बंधक रखे गए (ऋण के समय जमानत के तौर पर रखे कागजात) मकान के पेपर निकाल कर फर्जी तरीके से ऋण लिया है। आरोप है कि बैंक में मोरगेज सम्पत्ति का वास्तविक मूल्य से बहुत कम कीमत पर फर्जी पेपर तैयार कर षड्यंत्र रचा गया।
इन पर आरोप है कि इन्होंने बंधक संपत्तियां नीलामी से पहले ही माफियाओं को औने पौने दामों में बेच दी।
इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने नई मंडी की सीओ रूपाली राय को पूरे प्रकरण की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए थे। जांच में सामने आया है कि बैंक के अफसरों द्वारा कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया और लोगों की करोड़ों की संपत्ति औने पौने दाम में बेच दी। प्रदीप मित्तल की शिकायत पर पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य प्रबंधक जसविंदर सिंह, प्रबंधक आशीष कुमार समेत बंधक संपत्ति खरीदने वाले नीरज गोयल, उस संपत्ति पर नीलामी से पहले ही लोन करने वाली सेवी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी नयी दिल्ली को नामजद करते हुए कुछ अन्य बैंक कर्मचारियों के खिलाफ धारा 420, 465, 468, 471, 409 और 120 बी में मुकदमा दर्ज किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक व फाइनेंस कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्य की भी पड़ताल की, उनके बयान भी लिए, जिसके बाद यह पाया गया कि बैंक ने अपने उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की है। इस मामले में बैंक अफसरों ने फर्जी कागज भी लगाए हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, साथ ही इसी तरह के जो अन्य मामले हैं, उनमें भी बहुत जल्द प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
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