सार: राजस्थान की एक नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन को रिश्वत के एक मामले में राज्य सरकार ने छह साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। अयोग्य घोषित करने का यह आदेश स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा की ओर से जारी किए गए।
चित्तौड़गढ़
विस्तार: मामला चित्तौड़गढ़ जिले में बड़ीसादड़ी नगर पालिका का है जिसके पूर्व चेयरमैन निर्मल पिपलिया को (Nirmal Piplia disqualified for six years) राज्य सरकार ने न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद अब आगामी छह वर्षों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। इसके साथ ही अब नगर पालिका के वार्ड सात का पद भी खाली हो गया है, जहां उपचुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
स्वायत्त शासन विभाग के आदेश के अनुसार पूर्व चेयरमैन के रिश्वत लेने की प्रथम दृष्टया पुष्टि होने के बाद राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 393 के अंतर्गत मामले की न्यायिक जांच कराई गई थी। जांच अधिकारी की ओर से 30 सितंबर, 2022 को सौंपी रिपोर्ट में पितलिया दोषी पाए गए थे जिसके आधार पर उन्हें 30 सितंबर, 2022 से अगले 6 साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।
यह था मामला
ACB की उदयपुर की टीम ने 25 मई 2021 को पितलिया के साले कुश शर्मा को बैंक में रिश्वत लेते पकड़ा था। इस संबंध में ठेकेदार विष्णु व्यास की फर्म से बतौर रिश्वत 2,00,000 का चेक लिया गया था। इसे कैश कराने के लिए चेयरमैन ने अपने साले कुश को भेजा था, जहां पहले से ही मौजूद एसीबी की टीम ने उसे रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया था। जबकि कार्रवाई की भनक पाकर चेयरमैन पिपलिया फरार हो गया था। हालांकि उसके मकान की तलाशी के दौरान पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे, जो कि अवैध निकले थे।
एसीबी के निर्देश पर बड़ी सादड़ी पुलिस ने पिपलिया के खिलाफ अलग से आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में राज्य सरकार के कार्रवाई के करीब 41 दिन बाद पिपलिया को बर्खास्त कर दिया गया था। वहीं, छह माह बाद निर्मल पिपलिया ने न्यायालय में समर्पण कर दिया था, जिसे बाद में जेल भेजा गया था। फिलहाल पिपलिया जमानत पर रिहा है।
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