कोटा
भारतीय प्रबंध संस्थान कोझीकोड द्वारा आयोजित हाइब्रिड मोड में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में गुरुवार को वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग कोटा विश्वविद्यालय की डॉक्टर मीनू माहेश्वरी, राजकीय कला कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार गुप्ता एवं शोध छात्रा नूपुर तिवारी ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।
शोध पत्र का शीर्षक रिपोर्टिंग सस्टेनेबिलिटी ड्राइवर: ऐलुसडेटिंग द इंपैक्ट ऑन फाइनेंशियल परफारमेंस ऑफ बीएसई सेंसेक्स कंपनीज था। वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के लिए यह एक गर्व का विषय है कि विभाग का शोध पत्र आई आई एम जैसी उच्चतम संस्था में प्रस्तुत किया गया है । यह शोध भारतीय बीएसई सेंसेक्स की तीस कंपनियों पर किया गया। इस शोध का मुख्य उद्देश्य भारतीय कंपनियों द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व से संबंधित अपनी रिपोर्ट में उनके प्रकटीकरण का पता लगाना है।
इस शोध हेतु प्रकटीकरण के 25 ड्राइवर्स निर्धारित किए गए, जिनको 3 भागों पर्यावरण संकेतक, सामाजिक विकास संकेतक और आंतरिक सामाजिक पर्यावरणीय संकेतक में बांटा गया। शोध में निष्कर्ष निकला कि 30 में से 21 कंपनियां 25 ड्राइवर्स में से 15 से ज्यादा चालकों का प्रकटीकरण करती हैं।
कम्पनीस एक्ट 2013 की धारा 135 के अनुसार कंपनियों को अपने पिछले 3 वर्षों के औसत लाभ का 2% सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए योगदान करना अनिवार्य है। डॉक्टर मीनू महेश्वरी वर्तमान में भारतीय सरकार द्वारा दिए गए एक मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही हैं। इससे पूर्व भी वह यूजीसी द्वारा अवार्डेड मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट को पूरा कर चुकी हैं।
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