बिजली कर्मचारी ने वीडियो शेयर कर बताई अपनी व्यथा, खोली पोल और पूछा; बताएं, इसमें मेरा क्या कसूर? | जानिए पूरा मामला

कोटा 

जयपुर विद्युत वितरण निगम का एक कर्मचारी न्याय के लिए भटक रहा है। दरअसल निगम के अधिकारियों ने उसे एक मामले में निलंबित कर दिया है। जबकि इस बिजली कर्मचारी का कहना है कि उसे एक ऐसे मामले में निलंबित किया गया है जिसमें उसका कोई कसूर ही नहीं है। अब इस कर्मचारी ने अपने साथ हुई नाइंसाफी का एक वीडियो शेयर किया है और लोगों से से पूछा है कि वह इसे देखकर बताएं कि इसमें उसका क्या कसूर है? वीडियो में कर्मचारी ने निगम अधिकारियों की पोल भी खोली है कि वह कैसे राजनीतिक प्रेशर में फैसले ले रहे हैं।

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इस पीड़ित कर्मचारी का नाम है सुरेंद्र मीना। और वह बतौर गोठड़ा फीडर इंचार्ज के रूप में कोटा जिले के इटावा में तैनात था और अब उसे निलंबित कर चोमेला लगा दिया गया है। उसने अवैध कनेक्शन पकड़ा था; उसे उम्मीद थी कि इसका कोई इनाम उसे मिलेगा। लेकिन जब उसे निलंबन पत्र थमा दिया तो वह चौंक गया और फिर इसके बाद उसने अपने साथ नाइंसाफी की कहानी बताई पहले उसने अफसरों को प्रार्थना पत्र दिए और उनसे न्याय नहीं मिला तो उसने वीडियो तैयार कर अपने साथी कर्मचारियों और पब्लिक को शेयर कर दिया और पूछा है कि वह बताएं कि उसका कसूर क्या है?

सुरेंद्र मीना, पीड़ित बिजली कर्मचारी

इस बिजली कर्मचारी ने कुछ इस तरह बताई अपनी कहानी:
‘जब उसकी ड्यूटी  गोठड़ा फीडर इंचार्ज के रूप में थी तो वहां पर वह एजी कनेक्शन बकाया लिस्ट के अनुसार चेक करते हुए जा रहा था तब मैंने वहां पर सिंगल पेस अवैध ट्रांसफॉर्मर को उजागर किया परंतु यहां पर सहायक अभियंता महोदय ने कुछ कार्यवाही नहीं की और उसके बदले  अधिकारियों से मिलीभगत करके उसे निलंबित कर चोमेला लगा दिया जबकि यहां पर दो जांचें पूरी नहीं हुई एक तो यहां पर सेल्फ फाइनेंस कनेक्शन की जांच लंबित पड़ी है जो ऊपर के अधिकारी मिलीभगत करके किसानों से लाखों रुपए खाकर बैठे हैं और इन कनेक्शनों में निगम द्वारा जो भी शर्तों के अनुसार दिए जाते हैं परंतु इटावा उपखंड के अंदर  यह कनेक्शन अवैध तरीके से दे रखे हैं यहां पर सेल्फ फाइनेंस कनेक्शन की संख्या खातोली की साइड पर अधिक हैं वहां के  उपभोक्ता इन कनेक्शनों पर अवैध तरीके से इनका उपयोग करते हैं।’

‘बहुत ही शर्मिंदगी महसूस हो रही है यह बताते हुए…’
‘परंतु जहां तक मेरी ड्यूटी गोठड़ा फीडर पर रही; मैंने स्वयं 181 पर कंप्लेन करके  वीसीआर अधिकारी को बुलाकर ग्राम गोठड़ा में बिजली चोरी को पकड़ा परंतु मुझे अब यह बहुत ही शर्मिंदगी महसूस करके कहना पड़ रहा है कि यहां पर वर्तमान अधिकारी क्या करना चाहते हैं? क्या कर्मचारियों के भरोसे रहना है या फिर नेताओं के नाम पर इटावा को चलाना है?’

‘बिजली विभाग के ग्रुपों से हटा दिया’
‘इटावा के अंदर बिजली विभाग के जितने भी ग्रुप हैंउन ग्रुपों से मुझे हटा दिया गया था तब जाकर मैंने अपना स्वयं का ग्रुप बनाया और इटावा के सारे कर्मचारी भाइयों डरने की कोई जरूरत नहीं है हमको निगम में नौकरी करनी है ट्रांसफर होना, निलंबित होना; यह नौकरी में चलता रहता है परंतु जिस अधिकारी के पास हम नौकरी करते हैं अगर वही नेताओं की गुलामी करता है तो उसमें हमारी क्या गलती है? मुझ को सस्पेंड कर चोमेला तो लगा  दिया परंतु जवाब तो अधिकारी को देना पड़ेगा  मेरे पास जो मैंने वीडियो बनाया उसको ध्यान से देखना और फिर मुझे बताना कि मेरी गलती क्या थी?

आपको बता दें कि यह तो एक बिजली कर्मचारी की व्यथा थी जो हिम्मत करके मामले को सामने ले लाया लेकिन हकीकत ये है कि राजस्थान में जयपुर विद्युत वितरण निगम,अजमेर विद्युत वितरण निगम, जोधपुर विद्युत वितरण निगम इन सभी के इलाकों में यही हाल है। सही तरीके से छानबीन हो निगम अधिकारियों की मिलीभगत और अवैध बिजली कनेक्शन के ऐसे किस्से सैकड़ों सामने आ जाएंगे।

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