भरतपुर: मृत जानवरों को लेकर ही कूड़ा एकत्र करती रही कचरा गाड़ी, सड़ांध से लोग हुए विचलित, एक महिला अचेत

भरतपुर 

ये विचलित करने वाला दृश्य नगर निगम के वार्ड 43 का है। प्रातः घर घर कूड़ा लेने वाला ट्रिपर  गाना बजाकर लोगों को कूड़ा डालने के लिए संकेत देता हुआ कूड़ा एकत्र कर ले जाता है, जिसमें अधिकतर महिलाएं कूड़ा डालने आती हैं। इनमें एक महिला घरों से  कूड़ा डालते ही अचेत हो गई।

दरअसल नगर निगम की कचरा गाड़ी जिस अपने जिस वाहन में कचरा समेत कर ले जा रही थी, उसमें मृत जानवर भी थे जिससे निकल रही बदबू ने वार्ड से निकली हर उस गली के लोगों का जीना मुहाल कर दिया जहां से यह मृत जानवर को लेते हुए कचरा एकत्रित करने निकली।

वार्ड पार्षद दीपक मुदगल ने बताया कि इस वाहन में  कूड़ा डालते ही एक महिला बेहोश हो गई और कुछ महिलाएं उल्टी कर रही थीं। पार्षद के पूछने पर कुछ  नहीं बोल पाई और कूड़े वाले ट्रिपर की ओर इशारा करते हुए विचलित हो रही थीं। मुदगल ने बताया कि जब उन्होंने ट्रिपर को रुकवा कर देखा तो उसमें मृत और सड़े हुए  सुअर पड़े थे जिनमें  से भंयकर बदबू आ रही थी।

पार्षद के अनुसार ये ट्रिपर मृत जानवरों को लेकर घर-घर कूड़ा लेता रहा जिस भी महिला ने देखा वो विचलित हो गई जिससे कई महिलाओं का स्वास्थ्य खराब हो गया। पार्षद ने कहा कि ये सब निगम की लापरवाही और अनदेखी का खेल है। उन्होंने कहा कि शहर में हो रही महंगी सफाई व्यवस्था के बाद भी लोगों को गंदगी से राहत नहीं मिल पा रही है। वार्डों में लगे सुपरवाइजर बड़ी सिफारिशों के जरिए से लगे हैं जिन्हे सफाई के संदर्भ में किसी भी प्रकार का ज्ञान  नहीं है। सब मिलजुला खेल है।

43 दिन से नरक बना शहर
सफाईकर्मियों की 43 दिन से चली आ रही हड़ताल के कारण शहर नरक बना रहा लेकिन आज भी सफाई व्यवस्था अनुकूल नहीं है। शहर की जनता दुखी है। पार्षद ने बताया कि इस समय बीमारियों को दौर चल रहा है और पिछले छह माह से नालियां साफ नहीं हो रही है। उन्होंने कहा की कोई भी निगम का उच्चाधिकारी वार्डों  का निरीक्षण नहीं करता कम्पनी अपनी मनमर्जी से कार्य कर रही है। मृत जानवरों का निस्तारण भी कचरा घर पर किया जाता है।

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