विश्व कविता दिवस
डॉ. विनीता राठौड़
क्रोध, करूणा, दया, प्रेम, भक्ति, हास्य
सभी मनोभावों की अभिव्यक्ति है कविता।
कार्य प्रवृत्ति हेतु प्रेरित कर
उत्साह प्रवाहित करती है कविता।
कठोर हृदयों को द्रवित कर
स्वभाव संशोधन का सामर्थ्य है कविता।
सृष्टि के नाना रूपों से
मानव का प्राकृतिक सामन्जस्य है कविता।
कभी खुशी तो कभी गम
नयनों को नम करता नीर है कविता।
अपने दिल की बात
हर दिल तक पंहुचाने का आधार है कविता।
निराशा भरे जीवन को
आशा से परिपूर्ण करने का संबल है कविता।
सुनहरे सपनों की उड़ान को
वास्तविक धरातल पर लाने का सोपान है कविता।
मन के सुकोमल भावों सा
राधा कृष्ण का निश्छल प्रेम है कविता।
(लेखिका राजकीय महाविद्यालय, नाथद्वारा, राजसमन्द की प्राणीशास्त्र की सेवानिवृत्त सह आचार्य हैं)
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