राजस्थान के वकीलों को मिला सुरक्षा का हक़, पास हुआ एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल-2023 | बिल में ये किए प्रावधान

जयपुर 

राजस्थान के वकीलों को मंगलवार को सुरक्षा का हक़ मिल गया। इसके लिए राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को ‘राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023’ पास हो गया बिल को संशोधन कर पास किया गया है विधेयक में अधिवक्ताओं द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को भी शामिल कर लिया गया है। विधि एवं विधिक कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां अधिवक्ताओं के संरक्षण की दिशा में ऐसा कानून लाया गया है।

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आपको बता दें कि राजस्थान के वकील सुरक्षा अधिकार की मांग को लेकर गत 20 फरवरी से प्रदेशभर में सभी अदालतों में न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे थे अब मंगलवार को विधानसभा में राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट 2023 को संशोधन के बाद बहुमत के साथ पास कर दिया गया इससे पहले विधि मंत्री शांति धारीवाल ने बिल को लेकर आये सुझावों पर कहा कि जो भी सुझाव आये हैं, उनके आधार पर संशोधन करके बिल को पेश किया गया है धारीवाल ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को भी निशने पर लिया उन्होंने कहा कि सदन में आपने गलतबयानी की है गैरजमानती प्रावधान 3 साल की सजा या उससे अधिक पर होता है बिल में 3 साल की सजा या उससे अधिक का प्रावधान था, लेकिन वकीलों के कहने इसमें सजा का प्रावधान 2 साल किया गया है

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वकील ने कानून का दुरूपयोग किया तो दो साल की सजा
धारीवाल ने बताया कि यदि कोई अपराधी किसी अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो न्यायालय द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति की राशि उससे वसूल कर पीड़ित अधिवक्ता को देने का प्रावधान किया गया है। क्षतिपूर्ति की इस राशि की त्वरित वसूली भू-राजस्व के बकाया की तर्ज पर की जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिवक्ताओं द्वारा इस कानून का दुरूपयोग करने पर 2 साल तक की सजा का प्रावधान भी किया गया है। साथ ही, राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक, 2023 प्रारूप के खण्ड 9 को विलोपित कर दिया गया है।

विधि एवं विधिक कार्य मंत्री ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां अधिवक्ताओं के संरक्षण की दिशा में ऐसा कानून लाया गया है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 5 करोड़ रूपए बार काउंसिल को दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि विधेयक के प्रावधानों को अधिवक्ताओं से विस्तृत चर्चा के बाद तैयार किया गया है। इस संबंध में वर्ष 2019 में प्रथम बैठक की गई थी। जिसके बाद कई अनौपचारिक बैठक कर विधेयक को तैयार किया।

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