फर्जी EFT के जरिए रेलवे को चूना लगा रहा था TTE, नौकरी से किया बर्खास्त

प्रयागराज

रेलवे का एक TTE फर्जी एक्सेस फेयर टिकट (EFT) बनाकर रेलवे को चूना लगा रहा था। इसकी जांच हुई तो मामला सही पाया गया। इसके बाद रेलवे प्रशासन ने इस TTE को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।

मामला रेलवे के प्रयागराज मंडल का है। बर्खास्त TTE का नाम प्रदीप मौर्य निवासी मडियाहू निवासी जौनपुर है। प्रदीप मौर्य रेलवे में चतुर्थ श्रेणी में भर्ती हुआ था। प्रमोशन पाने के बाद TTE बना था। इसी के बाद उसने फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। उसने अपनी खुद की एक EFT किताब छपवाई। ट्रेन में जांच के दौरान अगर कोई यात्री बिना टिकट या अनियमित टिकट के मिलता तो वह जुर्माने की रसीद काटता और फर्जी EFT यात्री को दे देता था और जुर्माने की राशि खुद डकार जाता था।

चार साल तक चली जांच
वह अक्सर गाजीपुर-बांद्रा ट्रेन में फर्जी ईएफटी काटता था। वह गाजीपुर से ट्रेन में चढ़ता और प्रयागराज तक आता। इस ट्रेन में भीड़ खूब रहती है और तमाम लोग जनरल का टिकट लेकर स्लीपर कोच में चढ़ जाते थे। ऐसे ही यात्रियों का प्रदीप मौर्या ईएफटी काटकर अवैध वसूली करता था। TTE के फर्जीवाड़े का यह प्रकरण चार साल पहले सामने आया था। इस दौरान जांच चलती रही। आरोप सही पाए जाने पर उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई। 2018 में एक ट्रेन में जांच के दौरान उसे पकड़ा गया। तब उसके पास से फर्जी EFT बरामद हुई।

उसके खिलाफ जीआरपी में मुकदमा दर्ज हुआ। वह जेल भी गया। हालांकि बाद में उसकी रिहाई हो गई। इस बीच इस पूरे प्रकरण की जांच चलती रही। उस पर लगे आरोप सही पाए जाने पर रेल प्रशासन ने उसे बर्खास्त कर दिया। प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह ने प्रदीप मौर्य के बर्खास्तगी की पुष्टि की है।

ये होती है EFT
सभी TTE को EFT मिलती है। इसका उपयोग वह बिना टिकट यात्रियों और जनरल का टिकट लेकर स्लीपर या एसी कोच में बैठे यात्रियों का बढ़े हुए किराए पर टिकट काटने के लिए करते हैं। इसे कोई टीटीई अपने से नहीं छपवा सकता है। वह जितने का टिकट काटेंगे, उसका पैसा रेलवे में जमा करना होता है। लेकिन प्रदीप मौर्या ने इसे फर्जी छपवाकर अवैध रूप से यात्रियों से वसूली की थी।

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