GST चोरी पर नकेल कसने को सरकार उठाने जा रही यह सख्त कदम, अब बचना हो जाएगा नामुमकिन | जानिए कैसे हो रही है GST की चोरी और कैसे लगा 54 हजार करोड़ का चूना

नई दिल्ली 

यह खबर उन कारोबारियों के लिए है जो GST चोरी के जरिए सरकार को करोड़ों का चूना लगा चुके हैं और सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी फर्जकारी कर रहे हैं। अब केंद्र सरकार ऐसे कारोबारियों पर शिकंजा कसने जा रही है। वह एक ऐसा प्रस्ताव तैयार कर रही है जिससे GST की चोरी करना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। और यदि किसी कारोबारी ने इसका रास्ता निकाल भी लिया तो वह तुरंत पकड़ में भी आ जाएगा। जुलाई में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में ऐसे प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।

अमृत की पुड़िया जैसा है…

दरअसल वित्त वर्ष 2021-22 में 54 हजार करोड़ रुपए  की GST चोरी पकड़ी गई थी। इतना बड़ा आंकड़ा सामने आने के बाद ही सरकार ने GST की चोरी करने वाली कारोबारियों पर शिकंजा और सख्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। ये कारोबार वो है जो नकली बिल लगाकर जीएसटी (GST) चोरी कर रहे थे। इसके लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन (GST Registration) और रिटर्न (GST Returns) के अतिरिक्त सत्यापन की प्रणाली लागू की जा सकती है। जुलाई में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है। बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल सकती है।

विशेष अभियान में भी पकड़ में आ रहे फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन 
आपको बता दें कि केंद्र एवं राज्यों के सभी कर विभागों ने इन दिनों फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की पहचान के लिए 16 मई से 15 जुलाई तक एक विशेष अभियान शुरू कर रखा है। इस दौरान बड़ी संख्या में फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन पाए गए हैं। इसका असल आंकड़ा अभियान खत्म होने के बाद ही सामने आएगा। सर्कार का कहना है कि संदिग्ध जीएसटी खातों की पहचान करने के साथ ही फर्जी बिल जारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर आधार कार्ड आधारित सत्यापन प्रक्रिया के दौरान संबंधित करदाता काल्पनिक पाया जाता है तो उसका रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया आएगा।

2020 में 62 हजार करोड़ का फर्जीवाड़ा पकड़ा था
सरकार ने नवंबर 2020 में ऐसा ही एक देशव्यापी विशेष अभियान चलाया था। उसके बाद करीब 62 हजार करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का पता चला था। करीब 776 से अधिक लोग गिरफ्तार भी हुए थे। इनमें कुछ पेशेवर भी शामिल थे। उस दौरान गलत तरीके से लाभ हासिल करने के लिए 22 हजार से अधिक फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन का उपयोग किया जा रहा था।

ऐसे पकड़ी गई कर चोरी
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के डाटा विश्लेषण के साथ ही अन्य विभागों से मिली महत्वपूर्ण जानकारियों और डाटा के आधार पर संदिग्ध कंपनियों की सूची बनाई गई है। इसके अलावा आयकर विभाग और जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों के साथ कारोबारियों द्वारा दाखिल कॉरपोरेट कर रिटर्न सहित अन्य जानकारियों का विश्लेषण किया गया है। इन मामलों में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए संबंधित राज्यों और केंद्रीय कर प्रशासन के साथ सूची को साझा किया जा रहा है।

सीबीआईसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रजिस्ट्रेशन और रिटर्न दाखिल करने के समय अतिरिक्त सत्यापन की रणनीति का मकसद कर चोरी को खत्म करना है। कर चोरी और फर्जी इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) दावे को रोकने के लिए इस योजना का परीक्षण किया जाएगा। सीबीआईसी ने पिछले सप्ताह जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए सत्यापन और जोखिम रेटिंग पेश की थी। इस प्रस्ताव के लिए जीएसटी परिषद की मंजूरी लेनी होगी। परिषद की 11 जुलाई को होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव को पेश किया जाएगा।

इस तरह कर रहे कर चोरी
सीबीआईसी के जीएसटी नीति प्रकोष्ठ ने गत दिनों केंद्रीय कर आयुक्तों को पत्र लिखकर कहा था कि कुछ संस्थाएं या कारोबारी जीएसटी मंच पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसके आधार पर नकली बिल के सहारे आईटीसी के दावे करते हैं और किसी भी तरह की सेवा या उत्पाद की आपूर्ति के बगैर ही वह राशि अपने खाते में जमा करा लेते हैं। इस तरह से संदिग्ध और जटिल लेनदेन के जरिए सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

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