लखनऊ
कर्नाटक की हार ने जहां भाजपा को हिला दिया; वहीं उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जलवा बरकरार है। नगर निकाय चुनावों में UP एकबार फिर भगवामय हो गई। इन चुनावों में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। वहीं सपा, कांग्रेस और बसपा साफ़ हो गई। ये दोनों दल बाबा का बुलडोजर रोकने में नाकाम रहे। फ़िलहाल योगी आदित्यनाथ ने 2024 के आम चुनाव से पहले आखिरी चुनावी दंगल को जीतकर कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है।
कर्नाटक में भाजपा को करारी शिकस्त, कांग्रेस के कब्जे में आया किला | भाजपा क्यूं हारी; जानिए वजह
आपको बता दें कि उत्तरप्रदेश के 760 नगरीय निकाय के 14,684 पदों के लिए दो चरणों में 4 और 11 मई वोटिंग हुई थी। इनमें 17 महापौर, 1420 पार्षद, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के लिए वोट डाले गए थे। शनिवार को इन निकाय चुनावों के लिए वोटों की गिनती शुरू हुई थी। इनके फ़ाइनल रिजल्ट देर रात तक आएंगे; अभी तक के रुझानों ने यह साफ़ कर दिया है कि UP में योगी का जलवा अभी भी लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। नगर निगमों में तो सपा, कांग्रेस और बसपा का सूपड़ा साफ़ ही हो गया।
तीन इंजन वाला फॉर्मूला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निकाय चुनाव के लिए अखिलेश की तुलना में अधिक रैलियां की। 2024 से पहले आखिरी चुनावी दंगल को जीतकर उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है तो भी संदेश देने की कोशिश की है कि ‘बाबा बुलडोजर’ की लोकप्रियता कायम है। योगी ने अपनी कई रैलियों में जनता से यूपी में ‘तीन इंजन’ लगाने की अपील की। केंद्र और राज्य के लिए डबल इंजन का फॉर्मूला तो भाजपा काफी पहले से देती रही है, योगी ने इसे एक नया विस्तार दिया। वह जनता को यह विश्वास दिलाने में कामयाब रहे कि दिल्ली और लखनऊ के अलावा निकाय में भी भाजपा की सरकार होने से उनका विकास अधिक तेजी से होगा।
अब आगे क्या?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार पिछले दो लोकसभा चुनाव में यूपी की अधिकतर सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा एक बार फिर 75+ का टारगेट लेकर आगे बढ़ रही है। निकाय चुनाव के नतीजों ने उसमें और जोश भर दिया है। ऐसे में विपक्ष को भाजपा का विजय रथ रोकना मुश्किल है। भाजपा को रोकने के लिए अगले एक साल में विपक्षी दलों और यूपी की बात करें तो सपा को नए सिरे से काम करना होगा। फिलहाल इतना साफ है कि यूपी की सियासी पटरी पर बाबा का बुलडोजर बुलेट की स्पीड से दौड़ रहा है।
पसमांदा मुस्लिमों पर भरोसा
बीजेपी ने इस बार मुस्लिम विशेषकर पसमांदा मुस्लिम पर भी दांव खेला। जगह-जगह नगर पालिका और नगर पंचायत में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे। ये पार्टी कि छवि और सर्वस्वीकार्यता को बताने में एक क़दम साबित हुआ। साथ ही आने वाले समय में बीजेपी की रणनीति का भी इसने संकेत दिया। शहरों के चुनाव में कई जगह शहरी पढ़े लिखे मुस्लिम युवा भी बीजेपी की तरफ़ जाते दिखे।
नतीजों पर एक नजर
अभी तक के नतीजों के अनुसार 199 नगर पालिका सीटों में से भाजपा को करीब सौ सीटें मिलती दिख रही हैं। जबकि सपा को 35 से 40 सीट मिला सकती हैं। वहीं बसपा 15 से 20 और कांग्रेस 5 से 10 सीटों पर सिमटती दिख रही हैं। जबकि अन्य दलों और निर्दलीय प्रत्याशीयों के खाते में 45 से 50 सीटें जाती दिख रही हैं।
नगर निगम में क्लीन स्वीप
प्रदेश के 17 नगर निगम में भाजपा क्लीन स्वीप करती नजर आ रही है। 13 नगर निगम प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर, झांसी, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, अयोध्या, शाहजहांपुर, मथुरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद और आगरा में भाजपा ने भरी भरकम जीत दर्ज की है। वहीं, 4 में जीत की ओर है।
अभी तक मिले नतीजों के अनुसार आगरा में भाजपा की मेयर प्रत्याशी हेमलता दिवाकर जीत गईं हैं। उन्होंने बसपा प्रत्याशी डॉ. लता वाल्मीकि को हराया है। मुरादाबाद में भाजपा के विनोद अग्रवाल जीत गए हैं। उन्हें 1,21,415 वोट मिले हैं। 3589 वोटों से कांग्रेस के हाजी रिजवान कुरैशी को हराया है।
इसी तरह प्रयागराज में बीजेपी प्रत्याशी उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी 1 लाख 29 हजार 394 मतों से सपा प्रत्याशी अजय कुमार श्रीवास्तव को हराया। अजय कुमार को 1 लाख 62 हजार 42 मत मिले। यहां कुल 494344 वोट पड़े थे। जबकि अलीगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रशांत सिंघल ने जीत दर्ज की। सिंघल को 60902 वोट मिले। कानपुर में भाजपा प्रत्याशी प्रमिला पांडे ने सपा की वंदना वाजपेई को हरा दिया है।
इसी तरह फिरोजाबाद में भाजपा प्रत्याशी कामिनी राठौर ने सपा प्रत्याशी मशरूम फातिमा को 26961 वोटों से हरा दिया है। बरेली महापौर सीट पर डॉ. उमेश गौतम दूसरी बार भाजपा के मेयर चुने गए हैं। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर को हरा दिया है। शाहजहांपुर से भाजपा प्रत्याशी अर्चना वर्मा 30256 वोट से जीत गई हैं। अर्चना को 80740 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस को 50484, सपा को 20144 और बसपा को 5573 वोट मिले हैं।
गोरखपुर में भाजपा प्रत्याशी डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने 67,026 वोटों से सपा प्रत्याशी काजल निषाद को हरा दिया है। मंगलेश श्रीवास्तव को 2,14,983 और काजल निषाद को 1,47,957 वोट मिले हैं। झांसी में भाजपा के मेयर प्रत्याशी बिहारीलाल ने 80 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के अरविंद कुमार बबलू रहे। अयोध्या में भाजपा प्रत्याशी गिरिश पति तिवारी ने सपा को हराया है। मथुरा से भाजपा मेयर प्रत्याशी विनोद अग्रवाल जीत गए हैं। दूसरे नंबर पर सपा रही।
नगर पंचायत सीटों पर भी भाजपा को बढ़त
यूपी में 544 नगर पंचायत सीटों के लिए भी वोट डाले गए। नगर पंचायत में स्पा भाजपा को टक्कर देते हुए नजर आई। ताजा जानकारी के अनुसार भाजपा को 210 सीटें मिला सकती हैं। सपा को भी करीब 170 सीट मिल सकती हैं। वहीं बसपा-कांग्रेस के झोली में 50-50 सीट जा सकती हैं। जबकि 74 सीटें छोटे दल एवं निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में जाते दिख रहे हैं। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह नगर सिराथू में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। साल 2017 के नतीजों पर नजर डालें, तो 100 नगर पंचायतों में बीजेपी के अध्यक्ष बने थे। दूसरे नंबर पर 83 अध्यक्षों के साथ सपा रही थी। जबकि बसपा के 45, कांग्रेस के 17 और अन्य में 18 अध्यक्ष पद पर काबिज हुए थे।
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