लखनऊ
यूपी की योगी सरकार ने मंगलवार एक बड़ा सख्त फैसला लिया। उसने 841 राज्य विधि अधिकारियों यानी सरकारी वकीलों को हटा दिया। प्रयागराज में इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रधान पीठ से 505 और हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से 336 सरकारी वकीलों की छुट्टी की गई है। इन पदों पर अब जल्द ही दूसरे वकीलों की नियुक्ति की जाएगी।
विधि एवं न्याय विभाग के विशेष सचिव निकुंज मित्तल की तरफ से मंगलवार को सरकारी वकीलों को हटाने के आदेश जारी किए गए। आदेशों के अनुसार अपर महाधिवक्ता विनोद कांत भी हटा दिए गए हैं। प्रधान पीठ प्रयागराज में 26 अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता हटाए गए हैं।
आदेशों के अनुसार 179 स्थाई अधिवक्ताओं की भी छुट्टी कर दी गई है। 111 ब्रीफ होल्डर सिविल की सेवाएं समाप्त हुई हैं। क्रिमिनल साइड के 141 ब्रीफ होल्डर हटाए गए, जबकि 47 अपर शासकीय अधिवक्ताओं की भी छुट्टी हुई है। इसी तरह लखनऊ बेंच के दो चीफ स्टैंडिंग काउंसिल की सेवाएं समाप्त समाप्त कर दी गई हैं। साथ ही 33 एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट हटाए गए। क्रिमिनल साइड के 66 ब्रीफ होल्डर की छुट्टी हुई। 176 सिविल ब्रीफ होल्डर और 59 एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल व स्टैंडिंग काउंसिल को हटाया गया है।
योगी सरकार ने यह सख्त फैसला क्यों लिया, इसकी वजह अभी सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का कहना ये है कि इन सभी को परमार्मेंस के आधार पर हटाया गया है। इन पदों पर अब जल्द ही दूसरे वकीलों की नियुक्ति होगी। दरअसल, हर पांच साल पर सरकारी वकीलों को लेकर आदेश जारी होते हैं जिसमें कुछ हटाए जाते हैं। इसके बाद नए को मौका मिलता है।
सरकारी वकील के ये हैं कार्य
- पुलिस द्वारा फाइल की हुई चार्ज शीट का विश्लेषण करना।
- एक सरकारी वकील नागरिक और आपराधिक दोनों मामलों को देखता है।
- एक्चुअल ट्रायल से पहले Pre-trial प्रोसेस को कंडक्ट करना, ताकि पुलिस द्वारा फाइल की हुई FIR और सबूतों का इन्वेस्टीगेशन सही से हो सके।
- कोर्ट में केस से संबंधित सभी तथ्यों को सामने रखना।
- केस के गवाहों की कोर्ट में पेशी करना और सभी सबूतों को न्यायधीश के सामने रखना।
- उचित निष्कर्ष तक पहुंचने में कोर्ट जज का सहयोग करना।
- स्टेट गवर्नमेंट का बचाव करना कोर्ट में।
———
लिख ही गई दर्द से उपजी एक और रचना…
जब रेलवे का गेटमैन कार से चला गया ड्यूटी पर, फिर इसके बाद जो हुआ उसे जानकर हैरान रह जाएंगे आप
जल्दी ही आएंगे वो दिन जब बैंक की शाखाओं में भूल जाएंगे आप कागज का उपयोग, जानिए कहां तक पहुंची बात