जल्दी ही आएंगे वो दिन जब बैंक की शाखाओं में भूल जाएंगे आप कागज का उपयोग, जानिए कहां तक पहुंची बात

मुम्बई 

जल्दी ही वो दिन आने वाले हैं जब देश की सभी बैंक पेपरलैस हो जाएंगी और आप बैंक की शाखाओं में कागज का उपयोग भूल जाएंगे। बैंकिंग क्षेत्र की नियामक संस्था इसपर विचार कर रहा है। RBI ने 30 सितंबर तक परिचर्चा पत्र पर टिप्पणियां इनवाइट की हैं।

दरअसल, RBI ने पर्यावरण पर पड़ रहे प्रभाव और कागज की बरबादी को देखते हुए सुझाव दिया है कि बैंक और अन्य फाइनेंसियल इंस्टीच्यूशंस अपनी शाखाओं में कागज के उपयोग को पूरी तरह खत्म करने पर विचार कर सकते हैं। इसके साथ ही ये एटीएम पर कागजी रसीद देने के बजाए ई-रसीद देने पर विचार कर सकते हैं।

बैंक की शाखाओं में कागज का उपयोग खत्म करने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) का यह सुझाव ‘जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त’ ‘Climate Risk and Sustainable Finance’ शीर्षक से जारी एक डिस्कशन पेपर में सामने आया है। RBI ने कहा है कि वह जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर एक रणनीति तैयार करना चाहता है। इसके लिए केंद्रीय बैंक वैश्विक निकायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों के अनुभवों का लाभ ले रहा है।

तैयार किए जाएंगे व्यापक दिशा निर्देश
RBI  का कहना है कि इस क्रम में रिजर्व बैंक से विनियमित सभी संस्थाओं (Regulated Entities) के लिए व्यापक दिशा निर्देश तैयार किए जाएंगे। डिस्कशन पेपर में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। इसमें कहा गया, ‘‘बैंकिंग प्रक्रियाओं को पर्यावरण के और अधिक अनुकूल बनाकर आरई अपने संचालन में कागज के उपयोग को खत्म करके अपनी शाखाओं को हरित शाखाओं में बदलने पर विचार कर सकते हैं।’’ आरबीआई ने 30 सितंबर तक परिचर्चा पत्र पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

ई-रसीदों  को किया जाएगा प्रोत्साहित
डिस्कशन पेपर के अनुसार, आरई ई-रसीदों को प्रोत्साहित करने के तरीकों और साधनों पर विचार कर सकते हैं। यह सुझाव भी दिया गया कि भारतीय बैंक संघ (IBA) जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त के क्षेत्र में क्षमता निर्माण पर एक कार्यसमूह स्थापित कर सकता है।

कहां कहां होता है कागज का इस्तेमाल
बैंकों की बात करें तो कागज के इस्तेमाल में सरकारी हो या प्राइवेट, कोई भी पीछे नहीं है। बैंक में पैसे जमा करने या निकालने की पर्ची से लेकर ड्राफ्ट बनवाने, एफडी बनवाने के अलावा केवाईसी फॉर्म भी कागज का ही होता है। इसके अलावा बैंक पासबुक भी कागज के इस्तेमाल का उदाहरण है। ऐसे में यदि बैंकों को पेपरलैस बनाया जाएगा तो इन सभी कागजी कार्रवाई के लिए भी बैंकों को एक अलग डिजिटल व्यवस्था को अपनाना होगा।

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