बाल श्रम
रचना शर्मा, एडवोकेट और एक्सपर्ट, महिला उत्पीड़न मामले
उन आँखों में बसा
घनघोर अँधेरा
छिपा हुआ था
मुस्कुराहट के
उजालों तले
उसने..
पैदा होते ही
सीखा था
दर्द को सीने में
दफन करने का
अनौखा हुनर
मगर….
उसके नन्हे हाथों के
खुरदरे स्पर्श से
मेरे हाथों तक पहुँची तरंगों ने
दे डाला
एक बयान
फिर भला
मेरी कलम
कैसे चुप रहती
आखिर…
लिख ही गयी
दर्द से उपजी
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——
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