कॉलेज शिक्षा के संयुक्त निदेशक पद पर RAS अफसर को लगाने का विरोध, ABRSM ने की नियुक्ति रद्द करने की मांग

जयपुर 

गहलोत सरकार द्वारा कॉलेज शिक्षा में संयुक्त निदेशक के पद पर प्राचार्य की नियुक्ति की नियमगत व्यवस्था के विपरीत RAS अफसर को लगाने का विरोध शुरू हो गया है। ABRSM राजस्थान (उच्च शिक्षा) ने इसे अविलंब रद्द करने की मांग मुख्यमंत्री से की है।

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एबीआरएसएम राजस्थान (उच्च शिक्षा) के महामंत्री डॉ. सुशील बिस्सु ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में याद दिलाया कि राज्य सरकार के जन घोषणा के अनुसार प्रदेश के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की अकादमिक स्वतन्त्रता और स्वायत्तता को सुनिश्चित किए जाने की घोषणा की गई थी। यह नियुक्ति उच्च शिक्षा की अकादमिक स्वायत्तता पर सरकार का प्रहार है।

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डॉ. बिस्सु के अनुसार कालेज शिक्षा में नियुक्ति के नियमों के संबंध में 31 जनवरी, 2018 को प्रसारित गजट अधिसूचना में  संयुक्त निदेशक, कॉलेज शिक्षा के पद पर केवल प्राचार्य की नियुक्ति का स्पष्ट प्रावधान है। इसके विपरीत संयुक्त निदेशक के पद पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को नियुक्त कर राज्य सरकार ने गजट अधिसूचना का खुला उल्लंघन किया है।

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ज्ञापन में कहा गया कि इस व्यवस्था से अनुभव की दृष्टि से कनिष्ठ अधिकारी अपने से वरिष्ठ प्राचार्य व शिक्षक अधिकारियों को प्रशासित करेंगे। इस अपमानजनक, अवैधानिक और अनुचित विसंगति से उच्च शिक्षा में सेवारत अनुभवी शिक्षकों का मनोबल और कार्यक्षमता प्रभावित होगी तथा राज्य का शैक्षिक पर्यावरण दुष्प्रभावित होने की संभावना है। सरकार का यह कदम उच्च शिक्षा को नौकरशाही के नियन्त्रण की ओर ले जाने वाला कृत्य है।

डॉ. बिस्सु ने बताया कि राज्य सरकार के इस आदेश से महाविद्यालय शिक्षा के समस्त शिक्षक अत्यंत क्षुब्ध एवं आक्रोशित हैं। यदि इस आदेश को निरस्त नहीं किया गया तो  राज्य की उच्च शिक्षा में नौकरशाही का अनावश्यक, अनुचित और अवैधानिक हस्तक्षेप रोकने और शिक्षकों की गरिमा की रक्षा के लिए प्रदेश के महाविद्यालय-शिक्षकों को आन्दोलनात्मक कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ेगा।

एबीआरएसएम राजस्थान (उच्च शिक्षा) के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि शिक्षा जैसे संवेदनशील तंत्र के संचालन को उच्च शिक्षा क्षेत्र के विशिष्ट अनुभवी शिक्षकों के हाथ से छीन कर पूर्णत: प्रशासनिक तन्त्र के अधीन कर देना निश्चित रूप से  राज्य की उच्च शिक्षा के लिए  प्रतिगामी कदम है।

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