जयपुर
बजट भाषण के दौरान शुक्रवार को विधानसभा में शर्मनाक स्थिति का सामना करने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेहद नाराज हैं। इसकी गाज अब कसी पर भी कर सकती है। इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ ही वित्त विभाग के अधिकारियों को तलब कर लिया है और जांच कमेटी का गठन भी कर दिया गया है। (ऊपर का चित्र गुरूवार का जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने अधिकारियों के साथ राजस्थान के बजट को अंतिम रूप दे रहे थे)
दरअसल आज विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुराने बजट का एक हिस्सा पढ़ दिया था और इसे वह करीब छह मिनट तक पढ़ते रहे। राजस्थान विधान सभा में बजट भाषण के दौरान ऐसा पहली बार हुआ जब एक सीएम को शर्मनाक स्थिति से गुजरना पड़ा। गलती का अहसास तब हुआ जब महेश जोशी ने टोका। इसके बाद विधानसभा में इतना हंगामा हुआ कि स्वयं स्पीकर सीपी जोशी और मुख्य्मंत्री अशोक गहलोत को माफी मांगनी पड़ी। इसी हंगामे के बीच सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा।
सीएम से हुई इस चूक के बाद राजस्थान विधानसभा में बजट बनाने वालों पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बजट में इतनी बड़ी गलती कैसे हुई। सीम भी अधिकारियों पर बेहद नाराज हैं। इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है यह पता लगाने के लिए जांच कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इस पर एक्शन लिया जाएगा।
ब्यूरोक्रेट्स में खलबली
फ़िलहाल ब्यूरोक्रेट्स में खलबली मची हुई है। राजस्थान के बजट को बनाने के लिए 4 IAS अफसर और एक RAS अफसर 105 दिनों तक लगे हुए थे। महज 6 से 5 मिनट की गलती से सारी मेहतन पर पानी फिर गया। अब इसकी गाज किस पर गिरेगी; यह देखने वाली बात है। बजट को तैयार करने में मुख्य किरदार वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा का है। 3 अन्य साथी आईएएस के साथ मिल कर इस बजट को तैयार किया गया। वित्त व्यय सचिव नरेश कुमार ठकराल भी बजट प्लानर में शामिल थे। वित्त बजट सचिव रोहित गुप्ता की जिम्मेदारी बजट भाषण तैयार करने की थी। जबकि वित्त राजस्व सचिव कृष्ण कांत पाठक की राजस्व व्यवस्था और उसका प्लान तैयार करने की थी।
ऐसे पकड़ में आई गड़बड़ी
सीएम अपने आखिरी बजट भाषण में कह रहे थे कि उन्होंने 125 दिन का काम 100 दिनों में पूरा किया है। यह घोषणा सीएम ने 2022 के बजट में की थी। इस लाइन का जिक्र सुनते ही तत्काल वित्त सचिव अखिल अरोड़ा ने मुख्य सचेतक महेश जोशी को अपने पास बुलाया और उनको सीएम से हुई भारी चूक के बारे में बताया। जिसके बाद महेश जोशी सीएम की सीट पर गए और उन्हें बजट पढ़ने के दौरान हुई गलती का अहसास कराया।
भाजपा हुई आक्रामक; बोली- पेपर लीक के बाद अब बजट लीक
इस बीच इस मामले को लेकर भाजपा बेहद आक्रामक हो गई है। भाजपा ने पेपर लीक के बाद बजट लीक का आरोप लगा दिया। भाजपा ने सदन में जमकर हंगामा किया।जिसके चलते बजट सत्र को दो बार स्थगित करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री बिना चैक किए 8 मिनट तक पुराना बजट पढ़ते रहे, आप समझ सकते हैं कि उनके हाथ में प्रदेश कितना सुरक्षित है। ये इतिहास में पहली बार हुआ है।
सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस की लीक सरकार में कुछ भी संभव है। सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पेपर लीक हो जाने के बाद आज बजट लीक हो गया,आखिर राजस्थान की कांग्रेस सरकार लोकतंत्र और संसदीय पपरम्पराओं को कब तक अपमानित करती रहेगी ? भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने पुराना बजट पढ़ा…राजस्थान में अब बजट भी लीक… केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी बोले कि पेपर लीक के बाद अब राजस्थान का बजट भी लीक! गहलोत जी एक कॉपी तो अपने पास भी रखते, पुराना नहीं पढ़ना पड़ता।
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