भाजपा से निलंबित विधायक शोभारानी कुशवाहा ने की बगावत, अब खेला जाति का कार्ड, बोलीं; मैं नहीं गई थी टिकट मांगने, पार्टी खुद आई थी देने

जयपुर / धौलपुर 

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की करीबी और भाजपा से निलंबित धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाहा ने राज्यसभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग करने के बाद अब जाति का कार्ड खेल दिया है। माना जा रहा है कि अपने समाज की सहानुभूति बटोरने के लिए यह कार्ड खेला गया है। खास बात ये है कि उनको पार्टी से निलंबन का जवाब तो संगठन को देना था लेकिन इसकी बजाए उन्होंने प्रेस को बयान जारी कर पार्टी से बगावत के स्पष्ट संकेत दे दिए। अब कुशवाह को भाजपा से बाहर का रास्ता दिखाया जाना तय है।

थामेंगी कांग्रेस का दामन!
कुशवाह ने शनिवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर पार्टी संगठन पर कई आरोप जड़े और पार्टी छोड़ने के संकेत भी दिए। इस बीच सूत्रों ने खबर दी है कि शोभारानी कुशवाहा अब कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं। जिसकी स्क्रिप्ट राज्यसभा  चुनाव से पहले ही लिख ली गई थी।

शोभारानी कुशवाहा ने एक बयान में कहा कि 2017 में धौलपुर उपचुनाव के लिए मैं और मेरा कुशवाहा समाज भाजपा  के पास नहीं गए। बल्कि यह लोग मेरे परिवार को तबाह करने के बाद जब इन को लगा कि धौलपुर जिले के साथ-साथ पूरे राजस्थान का कुशवाहा समाज बीजेपी के हाथ से निकल सकता है तो खुद चल कर के आए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि  मेरे समाज के सामने कुछ वायदे किए थे, उनमें से एक भी वायदा पूरा नहीं हुआ। बीजेपी हाई कमान उन महान बड़े लोगों से पूछे जो हमें बीजेपी में लेकर गए थे कि हमारे साथ ऐसा क्यों हुआ।

पार्टी छोड़ने के दिए संकेत
शोभारानी कुशवाहा ने अपने बयान में पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं। उनका कहना था कि धौलपुर नगर परिषद चेयरमैन चुनाव में मेरे समर्थक और बीजेपी के जन्मजात कार्यकर्ता एवं अग्रवाल समाज के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश गर्ग की बहू को बीजेपी की ओर से नगर परिषद चेयरमैन का प्रत्याशी बनाया गया था।  हमारे पास में जीतने के लिए संख्या भरपूर थी। लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं ने हमारे जीते हुए बीजेपी पार्षदों को कांग्रेस को देकर कांग्रेस का चेयरमैन बनवा दिया और बीजेपी को हरा दिया जिसकी जानकारी जयपुर से लेकर दिल्ली तक दी गई लेकिन उन बड़े नेताओं को सस्पेंड करना तो दूर की बात है उनके सामने किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उनको नोटिस भी दे सकें तो ऐसी पार्टी में कौन सा कार्यकर्ता या नेता काम करना चाहेगा।

शोभारानी कुशवाहा ने कहा कि पंचायत समिति चुनाव में मैंने धौलपुर पंचायत समिति से पंचायत समिति प्रधान के लिए लोधा समाज के नवल लोधा को बीजेपी प्रत्याशी बनाया था लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं ने जानबूझकर अपने ही कार्यकर्ताओं से उसको हरवा दिया। अब बताएं ऐसी स्थिति में कौन सा कार्यकर्ता या नेता काम करना चाहेगा।

राज्यसभा चुनाव को लेकर कही ये बात
शोभारानी कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी केवल एक थे घनश्याम तिवारी और हमको विश्वास पात्रों में ना रखते हुए यह बोला गया कि आप लोगों को निर्दलीय उम्मीदवार को वोट करना है और वह भी उस व्यक्ति के लिए जिसने 2014 में हमारे खिलाफ पूरे देश में अपने चैनल पर झूठी अफवाह फैलाई थी और वह व्यक्ति पैसे के दम पर पूरे नंबर ना होने के बावजूद खुलेआम क्रॉस वोटिंग की चर्चा कर रहा था ऐसे व्यक्ति को हमारे समर्थकों ने स्वीकार नहीं किया।

शोभारानी कुशवाहा ने आरोप लगाया कि बीजेपी के राष्ट्रीय नेता अभी भी मेरी समाज के कुछ गुलाम प्रवृत्ति के ऐसे लालची लोगों को आगे करके समाज की एकता को तोड़कर 2023 के चुनावों में मुझे राजनीति से बाहर करना चाहते हैं क्योंकि इनको पता है कि शोमा रानी कुशवाहा उस कुशवाहा की पत्नी है जिसने कभी झुकना सीखा ही नहीं। उन्होंने कहा कि धौलपुर की सीट को हमने लगातार तीन बार जीता है तो यह जानते हैं कि अगर चौथी बार यह जीतेंगे तो इनका कद राजनीति में बहुत ऊपर चला जाएगा। इसलिए यह चाहते हैं कि कोई ऐसा कुशवाहा गुलाम मिल जाए जो इनकी हां में हां मिलाता रहे और यह लोग कुशवाहा समाज के वोटों को लूटते रहें। लेकिन अब तक मैंने मेरी कुशवाहा समाज ने और मेरे सभी सर्व समाज के कार्यकर्ताओं ने धोखा बहुत खा लिया ।अब कोई हमें दोबारा से धोखा दे, यह हमारे कार्यकर्ताओं को और हमें मंजूर नहीं और किसी भी नेता का वजूद उनके कार्यकर्ताओं से होता है। इसलिए हमारे कार्यकर्ताओं ने खुद निर्णय लिया है कि  वे खुद ऐसी पार्टी में नहीं रहना चाहते जिसके राष्ट्रीय नेता ही अपने ही प्रत्याशियों को हराने का काम करें।

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जितनी तत्परता मुझे पार्टी से निष्कासित करने में दिखाई है अगर इतनी ही ईमानदारी से पार्टी के विरोध में काम करने में वाले अन्य बड़े नेताओं पर भी दिखाओगे तो आम कार्यकर्ताओं को खुशी होगी।

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