अजमेर
RPSC द्वारा असिसटेंट प्रोफेसर 1913 पदों की भर्ती के लिए दो लकह से ज्यादा एप्लीकेशन आई हैं, लेकिन इनकी जब जांच की गई तो एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। ऐसे 297 केंडिडेट्स की जानकारी सामने आई है जिन्होंने अपने आवेदन पत्र में फर्जीवाड़ा किया है। अब RPSC ऐसे केंडिडेट्स के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है।
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आपको बता दें कि RPSC ने कॉलेज शिक्षा में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1913 पदों पर भर्ती के लिए 26 जून से आवेदन प्रोसेस शुरू किया था। 31 जुलाई तक एप्लीकेशन ली गई थी। और आवेदन फार्म में संशोधन के लिए भी 28 अगस्त से 6 सितंबर तक का अवसर दिया था। इसमें अभ्यर्थी का नाम, पिता का नाम, फोटो, जन्म तिथि व जेंडर के अतिरिक्त सभी प्रकार के संशोधन ऑनलाइन लिए गए थे।असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का का एग्जाम अक्टूबर 2023 में प्रस्तावित है। इसका सिलेबस भी जारी कर दिया गया है।
इस बीच संशोधन की तिथि निकलने के बाद जब आयोग ने एप्लीकेशंस की जांच कराई तो 297 केंडिडेट्स के फार्म में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। जांच में खुलासा हुआ कि इन 297 केंडिडेट्स ने एक से अधिक सब्जेक्ट में आवेदन किया।
RPSC सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि कुल 2 लाख 1 हजार 136 आवेदनों की जांच में पता चला कि 297 ने चार से अधिक विषयों में आवेदन किया। इनमें 54 ने 5 से अधिक विषयों, 5 ने 26 से अधिक विषयों तथा 2 ने तो सभी 48 विषयों में आवेदन कर दिया। सभी ने खुद को पोस्ट ग्रेजुएट बताते हुए आवेदन किया। ऐसे कैंडिडेट्स से पूछताछ में पोस्ट ग्रेजुएट से जुड़ी जानकारियां भ्रामक और असत्य पाई गई। RPSC ने अब ऐसे अभ्यर्थियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है।
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