नई दिल्ली
Lok Sabha Elections-2024 Campaign: इस बार लोक सभा चुनाव के दौरान देश के विमानन उद्योग की बल्ले-बल्ले होने वाली है। विमानन उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार राजनीतिक दलों की जिस तरह की चुनाव कैंपेन की तैयारी है उस हिसाब से 2024 के लोकसभा चुनाव में निजी विमान-हेलीकॉप्टर की डिमांड 40 फीसदी तक बढ़ सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार लोकसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों के बीच विशेष विमानों और हेलीकॉप्टर की मांग बढ़ती जा रही है। इनकी मांग में पिछले आम चुनाव के मुकाबले 40 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है। इसे देखते हुए विशेष विमान का शुल्क साढ़े चार लाख रुपये से 5.25 लाख रुपये प्रति घंटे और हेलीकॉप्टर का शुल्क करीब डेढ़ लाख रुपये प्रति घंटे हो सकता है। या इससे ज्यादा भी हो सकता है।
‘क्लब वन एयर’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राजन मेहरा ने कहा कि ‘निजी विमानों की मांग तेजी से बढ़ेगी और यह मांग विशेष विमानों और हेलीकॉप्टरों की उपलब्धता से अधिक होने की उम्मीद है। विशेष विमानों और हेलीकॉप्टर की आपूर्ति सीमित संख्या में होती है।’
विशेष विमान और हेलीकॉप्टर सेवा का शुल्क प्रति घंटे के आधार पर लिया जाता है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों की राय है कि विशेष विमान का शुल्क साढ़े चार लाख रुपये से 5.25 लाख रुपये प्रति घंटे के बीच हो सकता है।एक हेलीकॉप्टर के लिए प्रति घंटे का शुल्क करीब डेढ़ लाख रुपये होगा।
बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटर्स एसोसिएशन (BAOA) के प्रबंध निदेशक कैप्टन आर के बाली ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान निजी विशेष विमानों और हेलीकॉप्टर की मांग पिछले चुनाव की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चला कि दिसंबर 2023 के अंत में 112 गैर-अनुसूचित संचालक (एनएसओपी) थे।
आम तौर पर एनएसओपी ऐसी इकाइयां होती हैं, जिनका कोई विशेष निर्धारित कार्यक्रम नहीं होता है और उनके विमान आवश्यकता पड़ने पर उड़ान भरते हैं। बाली ने कहा कि करीब 112 एनएसओपी हैं, लेकिन इनमें से 40-50 फीसदी केवल एक विमान का संचालन करते हैं।उन्होंने कहा कि एनएसओपी के पास करीब 450 विमान होने का अनुमान है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इन ऑपरेटर के पास जो विमान और हेलीकॉप्टर हैं, उनमें बैठने की क्षमता तीन से 37 तक है। आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकांश विमानों और हेलीकॉप्टर में बैठने की क्षमता 10 से कम है।
मेहरा ने कहा कि राजनीतिक नेता छोटे कस्बों तक यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर की मांग करेंगे, इसलिए हेलीकॉप्टर की मांग अधिक बढ़ने की संभावना है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को सौंपे गए 2019-20 के लिए पार्टी के वार्षिक ऑडिट खातों के अनुसार, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विमान/हेलीकॉप्टर के लिए कुल 250 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए।
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