सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वाधीनता के पक्ष में विश्वव्यापी लोकमत तैयार करने के लिए, विदेशों में प्रचार करने में विश्वास करते थे और ऐसा उन्होंने करके दिखाया। राजनीतिक कार्यकर्ता तथा नेता के रूप में, वे ओजस्वी राष्ट्रवाद के समर्थक थे। उनकी महत्ता भारतीय इतिहास में स्थाई रूप से प्रतिष्ठित रहेगी। देश को ब्रिटिश साम्राज्यवाद की श्रृंखलाओं से मुक्त कराने के आदर्श के प्रति, उनकी लगभग उन्माद पूर्ण निष्ठा और राष्ट्र के लिए उन्होंने जो घोर कष्ट सहे, उनके कारण उन्हें सदैव राष्ट्रीय- वीर के रूप में अभिनंदित किया जाएगा। उनके द्वारा दिया गया ‘ जयहिंद’ का नारा और साहस हमारे साथ है और हमेशा हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा।
(लेखक राजकीय कॉलेज की सेवानिवृत्त प्राचार्य हैं)