कोरोना महामारी के कारण डेढ़ साल से बंद ऐतिहासिक स्मारक जलियांवाला बाग 28 अगस्त को खुलने जा रहा है। इसका रिनोवेशन का काम पूरा हो चुका है। रिनोवेशन के बाद अब जलियांवाला बाग का लुक अलग ही नजर आता है। इसमें जलियांवाला कांड और अंग्रेजों की क्रूरता का बड़े ही करीने से सजीव अंकन किया गया है। ख़ास बात ये है कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों से कोई छेड़छाड़ नहीं नहीं की गई है। अब जब भी आप पंजाब जाएं तो इसे देखने जरूर जाइएगा।
मोदी करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्विकास किए गए परिसर का उद्घाटन शनिवार 28 अगस्त को करेंगे। ये उद्घाटन कार्यक्रम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शाम 6 बजे किया जाएगा। प्रधान मंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम के दौरान परिसर को उन्नत करने के लिए सरकार की ओर से की गई कई विकास पहलों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। कोरोना के चलते इसका विधिवत उद्घाटन लंबे समय से नहीं हो पा रहा था, लेकिन अब इसका शुभमुहूर्त निकल आया है।
बीस करोड़ की आई है लागत
जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के सदस्य राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक के अनुसार जलियांवाला बाग के इस पुनर्विकास पर करीब 20 करोड़ रुपए की लगात आई है। इस निधि से रोशनाई, साउंड और डॉक्यूमेंट्री भी तैयार की गई है। ये डिजिटल डॉक्यूमेंट्री जलियांवाला बाग कांड के बारे में पूरी जानकारी देगी। यहां 80 लोगों के बैठने की क्षमता होगी।
इस नरसंहार के सौ साल बाद ब्रिटिश सरकार ने मांगी थी माफ़ी
13 अप्रेल 1919 के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में अंग्रेजों ने एक नरसंहार को अंजाम दिया था। इस हत्याकांड को 102 साल हो गए हैं, वहीं ब्रिटिश सरकार ने नरसंहार के 100 साल बाद गहरा अफसोस व्यक्त किया था। इस क्रूर घटना के जख्म इतने गहरे हैं कि जलियांवाला बाग की प्राचीर में आज भी मौजूद हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग आते हैं। इसलिए आज जलियांवाला बाग एक टूरिस्ट स्पॉट भी है।
आपको बता दें कि 2019 में केंद्र सरकार ने इस जलियांवाला बाग के शताब्दी वर्ष के मौके पर इसके रिनोवेशन की घोषणा की थी। रिनोवेशन के दौरान इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि कहीं भी ऐतिहासिक तथ्यों और चीजों को जरा भी धक्का न लगे।
एंट्री मुफ्त
खास बात ये है कि इस बाग को उद्घाटन के बाद रात 9 बजे तक पर्यटकों के लिए शुरू रखा जाएगा। इस बाग को देखने के लिए किसी भी तरह की कोई टिकट वसूली नहीं की जाएगी। यानी यहां पर्यटकों को मु्फ्त में एंट्री मिलेगी।
इस रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में तीन एयरकंडीशन्ड गैलरीज़ तैयार की गई हैं। इन गैलेरीज़ में घटना के पूरे ब्योरे की झलक मिलेगी। यही नहीं इस नरसंहार में शहीद हुए लोगों से जुड़े दस्तावेजों के साथ उस वक्त के हालातों की तस्वीरें भी देखने मिलेंगी।