नेतृत्व में बदलाव को लेकर फिर घमासान, आनन्द शर्मा पर भड़के गहलोत

CWC की बैठक

[DISPLAY_ULTIMATE_SOCIAL_ICONS]

नई दिल्ली। कांग्रेस में नेतृत्व के बदलाव को लेकर फिर घमासान मच गया है। 22 जनवरी को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की एक महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी दो खेमों में बंटी साफ नजर आई। नेताओं में तल्खी के बीच पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव फिलहाल जून तक फिर टल गया है। इस दौरान बार-बार संगठन के चुनाव कराने की मांग करने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अपनी ही पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता आनन्द शर्मा पर भड़क गए।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की यह बैठक पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए हुई। इसी दौरान अशोक गहलोत ने बागी नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि बार-बार चुनाव की मांग जो नेता कर रहे हैं क्या उन्हें पार्टी नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। सूत्रों के अनुसार इस पर पार्टी की दिग्गज नेता अंबिका सोनी को बीच-बचाव भी करना पड़ा।

कई महीने से मचा है बवाल
उल्लेखनीय है कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर बीते कई महीनों से बवाल मचा हुआ है। पार्टी के कई बड़े नेता अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर खरी-खरी भी सुना चुके हैं। कार्यकर्ताओं ने अपनी चिट्ठी में सोनिया गांधी से कहा है कि, वो पार्टी को परिवार से ऊपर रखें। ऐसे नेताओं में आनन्द शर्मा भी थे। सूत्रों ने  ‘नई हवा’ संवाददाता को बताया कि  22 जनवरी की बैठक में शर्मा ने जब फिर से संगठन चुनावों का मुद्दा रखा तो अशोक गहलोत का उन पर गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि संगठन के चुनाव तो बाद में हो जाएंगे। पर देश की स्थिति पर तो विचार कर लें। उन्होंने कहा कि चुनाव की इतनी जल्दी क्यों है, क्या आपको सोनिया गांधी के नेतृत्व पर विश्वास नहीं है।


दो खेमों में बंटी कांग्रेस, जून तक फिर टाला अध्यक्ष का चुनाव


गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की करारी शिकस्त के बाद अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद छोड़ दिया था। उसके बाद पार्टी ने सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष बनाया था। तभी से पार्टी का एक खेमा आंतरिक चुनाव कराने की मांग करता आ रहा है। 22 जनवरी को हुई बैठक में नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर देश की सबसे पुरानी पार्टी दो खेमों में फिर बंटी दिखाई दी। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव इसी साल जून में कराया जाएगा।  कांग्रेस वर्किंग कमेटी में अशोक गहलोत ने कहा कि इस समय देश में किसान आंदोलन, महंगाई, अर्थव्यवस्था जैसे कई मुद्दे हैं, क्या पार्टी का इन मुद्दों पर फोकस करना जरूरी नहीं हैं। पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव तो बाद में भी हो सकता है। बता दें कि इससे पहले पार्टी के कई नेता संगठन चुनाव को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख चुके हैं। इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में वैक्सीन की कीमत तय की जा रही है लेकिन गरीब कैसे टीका लगवाएगा। तेल के दाम भी बढ़ रहे हैं। किसान आंदोलन में लोग मारे जा रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है, इसलिए ऐसे राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।

असंतुष्ट खेमा चाहता है अपना अध्यक्ष
एक तरफ जहां पार्टी के अंदर राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाने के लिए कई समर्थक हैं, वहीं दूसरी तरफ पार्टी का असंतुष्ट खेमा चाहता है कि अब समय आ गया है पार्टी एक परिवार पर निर्भरता छोड़े। यह असंतुष्ट खेमा संगठन चुनाव में उम्मीदवार उतारने पर गहन मंथन कर रहा है। इस खेमे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यदि राहुल दोबारा अध्यक्ष के लिए मैदान में उतरते हैं तो हालात को देखते हुए उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारने या नहीं उतारने पर फैसला होगा। राहुल समर्थक ऐसी स्थिति का सामना करने को तैयार नहीं हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और नारायणसामी भी राहुल के ही समर्थन में हैं।

कपिल सिब्बल के बयान से फिर आ सकता है भूचाल
इस बीच कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिससे पार्टी में खलबली मच सकती है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर जिन 23 असंतुष्ट नेताओं ने पार्टी आलाकमान को पत्र लिखा था, उसमें कपिल सिब्बल का भी नाम शामिल है। ऐसे में अब उनका नया बयान पार्टी की परेशानी बढ़ा सकता है। सोनिया गांधी ने खुद असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात की थी और उन्हें आंतरिक चुनाव कराने को लेकर आश्वासन दिया था। हालांकि इसको काफी समय बीत गया है लेकिन चुनाव अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में अब कपिल सिब्बल ने सवाल करते हुए कहा है कि, इस दिशा में अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। बता दें कि कपिल सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि पार्टी नेताओं के साथ खुली बातचीत कर सोनिया गांधी ने आंतरिक चुनाव कराने का वादा किया था, लेकिन अभी हालत वैसी ही है। उन्होंने कहा कि, सोनिया गांधी की तरफ से अब तक इस मसले पर कोई जवाब नहीं आया है और न ही यह साफ हो पाया है कि ये चुनाव कब और कैसे कराए जाएंगे। इसको लेकर कपिल सिब्बल ने कहा कि सोनिया गांधी के साथ हुई पार्टी नेताओं की बैठक में मैं दुर्भाग्य से शामिल नहीं हो पाया था, क्योंकि उस वक्त मैं यात्रा पर था। मगर मुझे लगता है कि हमने खुली बातचीत की थी। और जाहिर है, कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि चुनाव होगा।

उन्होंने कहा कि, हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि ये चुनाव कब और कैसे होंगे। हमारा मानना है कि पार्टी के आंतरिक चुनाव संविधान के प्रावधानों के अनुरूप ही कराए जाएंगे। बता दें कि कपिल सिब्ब्ल के इस बयान के बाद अब फिर से कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर संग्राम छिड़ सकता है। कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा पर कहा कि, हम चर्चाओं-अटकलों का जवाब नहीं देते, हम वास्तविकाता का जवाब देते हैं। जब इस विषय पर चर्चा होगी तो हम इसका जवाब देंगे। हालांकि सिब्बल ने इस बात पर भी आशंका जताई कि राहुल के नेतृत्व में बदलाव होगा कि नहीं। उनसे पूछा गया कि, क्या राहुल की वापसी से पार्टी में कुछ परिवर्तन होगा, इस पर सिब्बल ने कहा कि मुझे इस बारे में पता नहीं है।

किसानों के आंदोलन का समर्थन
बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने निर्णय लिया है कि जून 2021 तक निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाएगा। उन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति ने किसानों के साथ मजबूती से खड़े रहने का निर्णय किया। इसे लेकर हमने प्रस्ताव पास किया है। कार्यसमिति ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए ऊपर से नीचे के स्तर तक की कार्ययोजना तैयार की। इसका मतलब यह हुआ कि पार्टी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने के बाद ही अध्यक्ष पद का चुनाव कराएगी। सीडब्ल्यूसी की बैठक में किसान आंदोलन, टीकाकरण और चैट विवाद पर जांच की मांग से जुड़े प्रस्ताव पास किए गए हैं। शुक्रवार की बैठक में यह तय हुआ कि कांग्रेस जिला और ब्लॉक स्तर पर लगातार कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी करेगी।






 

प्रतिक्रिया देने के लिए ईमेल करें  : ok@naihawa.com

 


SHARE THIS TOPIC WITH YOUR FREINDS