पबजी ने बेटे को बनाया हैवान, मां-बाप को कुल्हाड़ी से काट डाला | हत्या के बाद नहाया; पुलिस पहुंची तो हंसते हुए बोला-हां; मैंने मारा

सार : 26 साल के एक युवक को पबजी की लत ने ऐसा हैवान बना दिया कि उसने अपने माता-पिता की जान ले ली। लाठी-कुल्हाड़ी से हत्या करने के बाद वह नहाया, कपड़े बदले और कमरे में जाकर बैठ गया। सूचना पा कर पुलिस मौके पर पहुंची तो हंसते हुए बोला- हां मैंने मारा है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार सुबह दोनों के  रक्तरंजित शव बिस्तर पर पड़े मिले।  मौके से ही खून से सने लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी को बरामद कर लिया गया है।

दिल दहला देने वाली यह घटना उत्तरप्रदेश के झांसी जिले के नवाबाद थाना क्षेत्र के पिछौर की है। आरोपी का नाम अंकित है। उसकी बहन नीलम ने बताया कि भाई पबजी का एडिक्ट हो गया था। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। पिता उसको गेम नहीं खेलने देते थे। इसको लेकर अक्सर लड़ता था। इसी विवाद में उसने वारदात की। हत्या की सूचना पर जब पुलिस पहुंची तो आरोपी बेटा चारपाई पर बैठा हुआ मिला। पुलिस ने पूछा तो पहले तो उसने कुछ नहीं बताया। लेकिन फिर बोला-हां, मैंने ही मारा है। पुलिस ने मौके से ही खून से सने लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी को बरामद कर लिया है

विलाप करते हुए परिजन

पुलिस के अनुसार मृतकों के नाम लक्ष्मी प्रसाद (58), पत्नी विमला (55) हैं। लक्ष्मी प्रसाद पलरा के सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल थे। बेटा अंकित (26) साथ रहता था। जबकि तीन बेटियों में बड़ी बेटी नीलम और सुंदरी की शादी हो चुकी थी। नीलम का ससुराल पड़ोस की कॉलोनी में है। छोटी बेटी शिवानी उरई में रहकर पढ़ाई कर रही है।

आरोपी अंकित ने घर पर ही मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता था। कोरोना के वक्त अंकित की जॉब छूट गई थी। वो रेलवे हॉस्पिटल में कंपाउंडर था। लॉकडाउन के दौरान वो घर में ही रहा। इस दौरान मोबाइल और लैपटॉप पर कई-कई घंटे गेम खेलता था। बहन नीलम ने बताया कि 6 महीने से वो मोबाइल पर गेम बहुत ज्यादा खेलता था। मम्मी-पापा उसे गेम खेलने से मना करते थे और दोबारा जॉब करने को कहते थे। उसका व्यवहार में भी बदल गया था। मम्मी-पापा से मारपीट भी करता था। उससे सभी परेशान थे। माना जा रहा है कि इसी विवाद में उसने दोनों की हत्या कर दी। नीलम ने बताया कि उसने मां-पिता से पहले भी मारपीट की है।

आरोपी

बहन नीलम ने बताया कि शनिवार सुबह वह पिता लक्ष्मी प्रसाद को फोन कर रही थी। लेकिन, उनका फोन पिक नहीं हुआ। इसके बाद पड़ोस में रहने वाले काशीराम को कॉल किया। उनसे घर जाकर देखने के लिए कहा। जब घर पहुंचे तो मेन गेट खुला मिला। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो जमीन पर खून से लथपथ मां-पिता पड़े हुए थे। पिता की सांसें थम चुकी थीं। जबकि मां विमला कराह रही थीं। सूचना पर पुलिस पहुंची तो मां विमला को तुरंत मेडिकल कॉलेज ले गई। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं, पुलिस घर के अंदर पहुंची तो एक कमरे में अंकित था। पुलिस ने बताया कि वह चारपाई पर आराम से बैठा हुआ था।

इंस्पेक्टर सुधाकर मिश्रा ने बताया कि अंकित को इस हत्या का कोई पछतावा नहीं था। मानसिक तौर पर वह ठीक नहीं लग रहा था। हत्या के बाद उसने भागने का प्रयास नहीं किया। यही नहीं, मां जिंदा थी और दर्द से कराह रही थी। उनको भी उसने नहीं देखा। पुलिस को शक है कि 12 से 2 बजे के बीच उसने हत्या की है।

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