आगरा
उत्तरप्रदेश (UP) के आगरा (Agra) में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने बाद एक्शन लेते हुए नकली दवा (Fake medicines) बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। एंटी नारकोटिक्स टीम ने यहां से दवा माफिया सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया है। नकली दावा बनाने वाला यह माफिया पिछले चार महीनों में राजस्थान (Rajasthan), मध्य प्रदेश (MP), दिल्ली (Delhi) और पंजाब (Punjab) जैसे राज्यों में करीब 80 करोड़ की नकली दवाएं खपा चुका है। एंटी-नारकोटिक्स टीम अब इन राज्यों के उन शहरों का पता लगा रही है जहां ये दवाएं खपाई गईं। इस फैक्ट्री का संचालन टॉफी बनाने के नाम पर किया जा रहा था।
गिरफ्तार किए गए दवा माफिया का नाम विजय गोयल है जो पिछले 8 महीनों से आगरा में सिकंदरा थाने से 4 किलोमीटर दूर इंडस्ट्रियल एरिया के मोहम्मदपुर इलाके में नकली दवा बनाने की यह फैक्ट्री गुपचुप तरीके से चला रहा था। इस फैक्ट्री के आसपास किसी भी तरह की कोई आबादी नहीं है। फैक्ट्री से सभी रास्तों का संपर्क है, जिससे माल की लोडिंग-अनलोडिंग में कोई दिक्कत नहीं होती थी। यह भी जानकारी सामने आई है कि फैक्ट्री में नकली दवा बनाने का काम रात में 10 बजे से सुबह 6 बजे तक चलता था। इस गोपनीय फैक्ट्री से से दवाइयां मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में सप्लाई की जा रही थीं।
जमानत पर बाहर आते ही फिर शुरू किया नकली दवा का कारोबार
विजय गोयल पिछले दिनों नकली दवा बनाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था और करीब 8 महीने तक जेल में रहा था। विजय गोयल की 8 महीने बाद जमानत हुई थी। इसके बाद दोबारा उसने इतने बड़े पैमाने पर नकली दवाइयों का कारोबार शुरू कर दिया था। पिछले 4 महीने से विजय गोयल लगातार हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)के चक्कर लगा रहा था। विजय गोयल को भनक नहीं थी कि टास्क फोर्स के अधिकारी उसका लगातार पीछा कर रहे हैं। नारकोटिक्स टास्क फोर्स की ट्रैकिंग के बाद नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री का पता चल गया। मौके से करीब 8 करोड़ की नकली दवाइयां बरामद हुई हैं। फैक्ट्री में मुख्य रूप से कैंसर, डायबिटीज, स्लीपिंग पिल्स, एंटीबायोटिक, एलर्जी जैसी कुछ अन्य बीमारियों की महंगी नकली दवाइयां बनाई जाती थीं।
अब शहरों को खंगाल रही एंटी-नारकोटिक्स टीम
पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच-पड़ताल में एंटी-नारकोटिक्स टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर इतने दिनों में किस-किस डीलर को दवा खपाई गई? एंटी नारकोटिक्स टीम यह भी जांच कर रही है कि इन दवाओं की सप्लाई दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब आदि शहरों में कहां-कहां की गई है? डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है. स्पेशली सेक्शन 111 भी लगाई गई है।
पकड़े गए दवा माफिया ने पुलिस अधिकारियों को कई चौंका देने वाले खुलासे किए हैं। इस गोरखधंधे में उसने पुलिस की संलिप्ता उजागार की है। दवा माफिया ने बयान दिया है कि नकली दवा फैक्ट्री चलाने के लिए वह पुलिस को महीनेदारी देता था। इसमें एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के लोग भी शामिल हैं। अब इस मामले की जांच पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने शुरू कर दी है। इसमें कई पुलिस अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है।
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