जयपुर/भरतपुर
RGHS योजना (राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) में फर्जीवाड़ा करने वाले भरतपुर के 2 डॉक्टर्स के खिलाफ एक्शन लेते हुए उनको चिकित्सा विभाग ने एपीओ कर दिया है। ये दोनों चिकित्सक मेडिकल स्टोर संचालक से मिलकर राजकोष को चूना लगा रहे थे।
जिनको एपीओ किया गया है उनके नाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बयाना के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ दौलत राम धाकड़ और आरबीएम जिला अस्पताल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ राजवीर सिंह हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (ग्रुप-2) की संयुक्त शासन सचिव निमिषा गुप्ता ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट लिखा गया है कि इन चिकित्सकों को मेडिकल स्टोर से मिलीभगत कर आरजीएचएस स्कीम में फर्जीवाड़ा कर राजकोष को हानि पहुंचाने के कारण तुरंत प्रभाव से आदेशों की प्रतीक्षा में रखा गया है। दोनों चिकित्सकों का मुख्यालय निदेशक जन स्वास्थ्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर कार्यालय किया गया है।
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आपको बता दें कि पिछले दिनों आरजीएचएस टीम ने शहर में जगह-जगह छापे मारे। इस दौरान सामने आया कि शहर के जयपुर आगरा हाईवे स्थित बालाजी हॉस्पिटल में सभी प्रिसक्रिप्शन पर एक ही चिकित्सक डॉ. राजवीर सिंह के हस्ताक्षर थे। आरजीएचएस टीम ने कृष्णा नगर स्थित रश्मि मेडिकल एवं जनरल स्टोर का भी निरीक्षण किया। यहां पर क्लीनिक का संचालन होता पाया गया। निरीक्षण के बाद बालाजी अस्पताल में मरीजों को आरजीएचएस स्कीम के तहत उपचार करने से भी मना किया जा रहा था।
2021 में शुरू हुई थी योजना
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशन धारकों के लिए मुफ्त में 10 लाख रुपए सालाना स्वास्थ्य सुविधाएं एवं दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए 1 जुलाई, 2021 से आरजीएचएस योजना की शुरुआत की थी। लेकिन अब कई जिलों में सरकारी कर्मचारी, चिकित्सक और दवा विक्रेता मिलकर अवैध रूप इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। स्थिति ये है है कि सरकारी कर्मचारी और मेडिकल स्टोर इस योजना का दुरुपयोग करते हुए घरेलू सामान की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। शिकायत मिलने के बाद सरकार द्वारा प्रदेश में सतर्कता टीमों का गठन किया गया है।
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