रेलवे ने एक झटके में बदल दिया 114 साल पुराना प्रशासनिक ढांचा, अब कर दिया ऐसा, जानिए पूरी डिटेल

नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो 

केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे का 114 साल पुराना प्रशासनिक ढांचा एक ही झटके में बदल दिया है। नए प्रशासनिक ढांचा खड़ा कर देने से रेलवे के विभिन्न कैडरों के बीच सात दशकों से चली आ रही लॉबिंग खत्म हो गई है। उम्मीद की जा रही है कि नई व्यवस्था से रेलवे के विकास को पंख लगेंगे।

रेलवे में अभी तक आठ कैडर थे जिनका विलय कर सरकार ने अब एक कर दिया है।  इनकी जगह अब एक सेवा भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस (IRMS) बना दी गई। यानी रेल अधिकारी मैनेजमेंट सर्विस के अधिकारी कहे जाएंगे। अभी तक होता ये था कि आठ अलग-अलग कैडर होने से रेलवे के शीर्ष पदों पर लॉबिंग होती थी। अब एक ही कैडर IRMS बनने से यह परम्परा खत्म कर दी गई है।

आपको बता दें कि कुछ वर्षों से भारतीय रेलवे में लगातार बदलाव की कोशिशें चल रही हैं जहां एक तरफ भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा हैयात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए काम किए जा रहे हैं। वहीं इसके प्रशासनिक ढर्रे में भी बदलाव किया जा रहा है। 114 साल पुराने प्रशासनिक ढांचे में बदलाव भी उसी दिशा में उठाया गया कदम बताया जा रहा है।

अब आठ कैडरों का विलय कर एक सेवा भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस (IRMS)  बन जाने IRMS रेल अधिकारी मैनेजमेंट सर्विस के अधिकारी कहे जाएंगे। दावा है कि इससे कैडरों के बीच सात दशकों से चली आ रही लॉबिंग  खत्म होगी और रेलवे आधुनिकता की पटरी पर सरपट दौड़ेगी।

अधिसूचना जारी होते ही मिली कानूनी मान्यता
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कैबिनेट ने आठ कैडरों के विलय पर पहले ही मुहर लगा दी थी। अब इसकी अधिसूचना जारी होने के साथ ही भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस (IRMS) को कानूनी मान्यता मिल गई है। इसी के साथ अब रेलवे में इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल्स, लेखा, भंडारण, कार्मिक, यातायात, सिंगनल एवं टेलीकॉम कैडर समाप्त हो गए हैं। अब वह मैनेजमेंट सर्विस के अधिकारी होंगे।

अधिकारियों की नियुक्ति को होगा नया फॉर्मूला
इस बदलाव की खास बात ये है कि कि लेवल-17 यानी रेलवे बोर्ड अध्यक्ष व सदस्यों सहित लेवल-16 यानी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों व उनके समक्ष अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में इंटेलिजेंस कोशेंट (आईक्यू) के स्थान पर इमोशनल कोशेंट(ईक्यू) फॉर्मूला चलेगा। आईक्यू में कई अलग मानकीकृत परीक्षणों से प्राप्त गणना के तहत अधिकारी की बुद्धि का आकलन किया जाता है। जबकि ईक्यू में तार्किकता के साथ अधिकारी के नेतृत्व क्षमता का आकलन किया जाता है।

प्रमोशन के लिए अब बतानी होंगी  पांच उपलब्धियां
ईक्यू अधिकांश विकसित देशों की शीर्ष सार्वजनिक क्षेत्र में प्रचलन में है। इसको केंद्र सरकार ने पहली बार भारतीय रेल में अपनाया है। आईआरएमएस में अधिकारी के प्रमोशन में वरिष्ठता के स्थान पर ईक्यू स्तर काम करेगा। इससे रेलवे में शीर्ष पदों पर लॉबिंग की परंपरा हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। रेलवे बोर्ड व महाप्रबंधक पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार में अधिकारी से अपने कामकाज की पांच उपलब्धियां बतानी होंगी। साथ ही उसे भविष्य का रोडमैप पेश करना होगा।

ऐसा होगा नया प्रशासनिक ढांचा
नई व्यवस्था में एक रेलवे बोर्ड अध्यक्ष (CRB ) एवं सीईओ होगा। इसके साथ चार सदस्य रेलवे बोर्ड सदस्य (अवसंरचना), सदस्य (परिचालन व व्यवसाय विकास), सदस्य (कर्षण एवं चल स्टॉक), सदस्य (वित्त) सहित दो महानिदेशक पहला महानिदेशक (मानव संसधान), महानिदेशक (संरक्षा) होंगे। जबकि भारतीय रेल में मेट्रो रेल सहित 17 जोनल रेलवे के महाप्रबंधक, रेल कोच फैक्ट्री, इंजन कारखाना, पहिया कारखाना सहित कुल 29 महाप्रबंधक होंगे।

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