गाजीपुर
UP में माफिया और गैंगस्टर इन दिनों दहशत में हैं। अब शनिवार को मुख्तार अंसारी गैंगस्टर केस में आखिर करीब पंद्रह साल बाद फैसला आ गया। गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उसे 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ में 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। वहीं मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को भी दोषी ठहराया गया है। अफजाल अंसारी को चार साल की सजा के साथ एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। साथ ही अफजाल अंसारी को हिरासत में ले लिया गया है।
गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मोहम्दाबाद थानों से बनाए गए आपराधिक मुकदमों से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित है।
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बांदा जेल में बंद मुख्तार की पेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जबकि अफजाल खुद कोर्ट पहुंचे थे। अफजाल अंसारी को दो साल से ज्यादा की सजा हुई है। ऐसे में उनकी संसद सदस्यता जाना तय है।
आपको बता दें कि यूपी के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड (Krishnanand Rai murder case) और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण के बाद मुख्तार और अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था। इस मामले में 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी, उसके भाई माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल हक पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। एजाजुल हक का देहांत हो चुका है। इस मामले में 1 अप्रैल को सुनवाई पूरी हो गई थी। पहले इस मामले में पहले 15 अप्रैल को फैसला आना था लेकिन बाद में तारीख को बढ़ाकर 29 अप्रैल कर दिया गया था। इस मामले में साल 2012 में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था।
राय के काफिले पर चली थीं 500 राउंड गोलियां
गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। चुनावी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया था। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल को आरोपी बनाया गया था। मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट अंसरी ब्रदर्स के प्रभाव वाली है जिस पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी।
कृष्णानंद राय की हत्या उस समय की गई, जब वह भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में आयोजित एक स्थानीय क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए थे। जब वह मैच का उद्घाटन कर वापस आ रहे थे, तभी बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने कृष्णानंद राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड फायर झोंक दिए थे।
अपहरण कर मांगी गई थी 5 करोड़ की फिरौती
इसी तरह एक अन्य मामले में जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी और VHP कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा का उसके घर से अपहरण कर फिर हत्या की गई थी। रूंगटा के परिवार से 5 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी। परिवार ने 1.5 करोड़ भी दे दिए थे लेकिन बाद में रूंगटा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा था। इस मामले में उन पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था।
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