सुप्रीम कोर्ट में अभूतपूर्व घटना, हाईकोर्ट जज ने सुप्रीम कोर्ट को दे दिया रात बारह बजे तक का अल्टीमेटम तो सबसे बड़ी अदालत को रात आठ बजे बैठानी पड़ी बेंच और फिर हुआ ये फैसला | जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली 

सुप्रीम कोर्ट में 28 अप्रैल को अभूतपूर्व घटना हुई। कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट को रात बारह बजे तक का अल्टीमेटम देते हुए अपने उस इंटरव्यू के ट्रांसक्रिप्शन की कॉपी मांगी, जो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने रखी गई थी। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के इस आदेश से बड़ी हलचल मची और इस पर देश की सबसे बड़ी अदालत को शुक्रवार को ही रात 8 बजे एक स्पेशल बेंच बैठानी पड़ी और फिर इस बेंच ने जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के उस आदेश पर रोक लगा दी।

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दरअसल  शुक्रवार को ही सुबह  CJI चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई करते हुए जस्टिस गंगोपाध्याय के विवादित इंटरव्यू का संज्ञान लिया और एक आदेश में जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय को पश्चिम बंगाल के कथित टीचर घोटाले की सुनवाई से हटाने का आदेश दिया था और निर्देश दिए थे कि टीचर्स रिक्रूटमेंट स्कैम मामले को जस्टिस गंगोपाध्याय की जगह किसी और बेंच को ट्रांसफर किया जाए।

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रात 12 बजे तक मांगी थी फाइल
CJI चंद्रचूड़ की बेंच ने शुक्रवार सुबह जो आदेश दिया उस पर जस्टिस गंगोपाध्याय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को आदेश दिया कि उनके इंटरव्यू की जो कॉपी सीजेआई के सामने रखी गई थी उसे रात 12:00 बजे तक उनके सामने पेश किया जाए। जस्टिस गंगोपाध्याय ने डेडलाइन देते हुए कहा था कि वह रात 12:15 बजे तक अपनी कोर्ट में सेक्रेटरी जनरल के जवाब का इंतजार करेंगे।

फिर रात 8 बजे बैठी सुप्रीम बेंच
जस्टिस गंगोपाध्याय के इस आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए. एस. बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच रात 8:00 बजे दोबारा बैठी। जस्टिस बोपन्ना ने हाई कोर्ट के जज गंगोपाध्याय के आदेश पर स्टे लगाते हुए कहा कि उन्होंने जिस तरह का आदेश दिया वह कतई ठीक नहीं था और न्यायिक अनुशासन के दायरे में नहीं आता है।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उच्चतम न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल को फौरन अपने (सुप्रीम कोर्ट) के आदेश की कॉपी कलकत्ता हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को देने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सम्मानित जज ( जस्टिस गंगोपाध्याय) को इस तरह का आदेश नहीं देना चाहिए था।

आपको बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय टीचर्स रिक्रूटमेंट स्कैम से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने ही इस मामले में साल 2022 की शुरुआत में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। बाद में इस मामले में कई हाईप्रोफाइल गिरफ्तारियां हुईं। जिसमें टीएमसी के तत्कालीन मंत्री पार्था चटर्जी भी शामिल थे।

इस  इंटरव्यू को लेकर मचा है बवाल
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 20 सितंबर, 2022 को एबीपी आनंदा चैनल को एक इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस की कथित तौर पर आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को न्यायपालिका पर भाजपा के साथ सांठगांठ का आरोप लगाने के लिए 3 महीने की जेल होनी चाहिए। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा था कि जिस वक्त अभिषेक बनर्जी ने टिप्पणी की थी उस वक्त वह लद्दाख में थे। कहा था कि जब मैं वापस लौटा तो मेरा मन हुआ कि उन्हें (अभिषेक बनर्जी) को समन करूँ, कोर्ट में बुलाऊं और एक्शन लूं।

सुप्रीम कोर्ट भी रह गया हैरान
जस्टिस गंगोपाध्याय के इंटरव्यू का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने इस पर हैरानी जताई थी और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी भी जज को ऐसे मसले पर इंटरव्यू देने से बचना चाहिए जो उनके सामने लंबित हों। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार से जस्टिस गंगोपाध्याय के इंटरव्यू पर 4 दिनों में जवाब मांगा था।

ये है शिक्षा भर्ती घोटाला
यह घोटाला 2014 का है तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थीयह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं

टीईटी परीक्षा में फेल उम्मीदवारों को भी मिल गई नौकरी
याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला हैइतना ही नहीं कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गईकुछ ऐसे भी उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थीइसी तरह से राज्य में 2016 में एसएससी द्वारा ग्रुप डी की 13000 भर्ती के मामले में शिकायतें मिली थींहाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे इसके बाद ईडी ने शिक्षक भर्ती और कर्मचारियों की भर्ती के मालमे में मनी ट्रेल की जांच शुरू की थी इस मामले में बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और उनके सहयोगियों को भी हिरासत में लिया गया है

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