कानपुर
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के लॉकर्स से ढाई करोड़ के जेवर चोरी होने का एक बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने बैंक के दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। अब पुलिस बैंक के सभी लॉकर्स को खुलवा कर जांच कर रही है। इसी जांच के दौरान बैंक के ग्राहकों के लॉकर्स से गहने चोरी होने के नए मामले भी जुड़ते जा रहे हैं। लॉकर्स से गहने चोरी हो जाने की सूचना के बाद महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल है।
लॉकर्स से गहने चोरी होने की ये घटना उत्तरप्रदेश में कानपुर स्थित कराची खाना की सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा की है। अब तक सात लॉकर्स से करीब ढाई करोड़ रुपए कीमत के जेवर चोरी हो चुके हैं। मंगलवार को चार और ऐसे लाकर मिले, जिनमें जेवर गायब थे। सभी पीड़ितों की ओर से फीलखाना पुलिस के तहरीर दी गई है। मंगलवार को लॉकर्स धारकों ने बैंक की कार्यप्रणाली को लेकर हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस ने जांच के हिसाब से दो बैंककर्मियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। लखनऊ से आई बैंक प्रबंधन की उच्चस्तरीय टीम ने बैंक को इस मामले में क्लीनचिट दे दी है। इसे लेकर भी ग्राहकों में गहरा रोष है।
सेंट्रल बैंक की कराचीखाना शाखा के लॉकर्स से जेवर चोरी होने की तीन घटनाएं सोमवार तक सामने आ चुकी थीं, जबकि जनरलगंज निवासी किराना कारोबारी पंकज गुप्ता के लॉकर का ताला नहीं खुला था। लॉकर तोड़ने के लिए बैंक प्रबंधन ने लॉकर निर्माता कंपनी से संपर्क किया। उन्हें मंगलवार की सुबह साढ़े दस बजे बुलाया गया था। दोपहर बाद करीब साढ़े चार बजे पंकज गुप्ता का लॉकर पुलिस और बैंक अफसरों की मौजूदगी में तोड़ा गया तो उसमें जेवर नहीं थे। पंकज के मुताबिक उनके लॉकर में करीब 25 लाख रुपए के जेवर थे।
लॉकर्स से गहने चोरी होने की सूचना इतनी तेजी से फैली कि बैंक में भीड़ जमा हो गई। शांतिनगर निवासी विजय महेश्वरी व उनके बेटे वैभव महेश्वरी बैंक पहुंचे। विजय के लाकर में पूरा माल सुरक्षित मिला, लेकिन बेटे वैभव का लाकर खुला तो 25 लाख रुपए कीमत के जेवर गायब थे। वैभव के लाकर के बाद अपना लाकर खोलने गईं ओमपुरवा लाल बंगला निवासी मीना यादव और सिविल लाइन निवासी निर्मला तहलियानी के लाकर भी उनकी चाबियों से नहीं खुले। जिसके बाद लाकर तोडऩे का फैसला किया गया। रात करीब आठ बजे दोनों लाकर तोड़कर देखे गए तो उनमें चांदी के जेवरात छोड़कर सोने के जेवर गायब थे। मीना यादव के बैंक लाकर में 80 लाख रुपए से करीब एक करोड़ तक के जेवर होने का अनुमान है। जबकि वृद्धा निर्मला के लाकर में भी करीब 35 लाख रुपए के जेवर रखे हुए थे।
डीसीपी पूर्वी ने बताया कि चारों मामलों में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूछताछ के लिए दो बैंक कर्मियों गीता और अशोक को पुलिस ने हिरासत में लिया है। डीसीपी के मुताबिक जब तक सभी लॉकर नहीं खुल जाते, तब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाएगी। बैंक परिसर के भीतर पुलिस की पिकेट तैनात कर दी गई है। रिजर्व बैंक की गाइड लाइन के हिसाब से अलग-अलग मुकदमा दर्ज कर इनकी एक साथ जांच की जाएगी।
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