कानपुर
कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अभी तक की जांच में कानपुर हिंसा में एंटी CAA और NRC लिंक सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने हिंसा के मास्टर माइंड मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी के खिलाफ 2 FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसको मुख्य आरोपी बनाया गया है। उसका नाम कानपुर में हुए दंगे में पहले भी आया था।
जांच में ये बात सामने आई है कि हयात की एक कॉल पर हजारों लोग इकट्ठा हुए और उसके बाद हिंसा भड़क गई। हयात का नाम कानपुर में हुए CAA और NRC बवाल में भी सामने आया था। चमनगंज में सरकारी राशन की दुकान चलाने वाला हयात इंटरनेट पर काफी सक्रिय रहता था। उस पर विवादित बयानबाजी के आरोप लगते रहे हैं। पिछले साल 21 अक्टूबर को हयात ने जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला था। इस पर उसके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था।
बताया जा रहा है कि उस वक्त भी जफर हाशमी ने फेसबुक के जरिए ही लोगों को विरोध करने के लिए इकट्ठा होने को कहा था। फेसबुक लाइव से लेकर पोस्टर लगाकर लोगों को प्रदर्शन के लिए एकजुट करने का उसका पुराना पैटर्न है। CAA-NRC हिंसा के दौरान भी हाशमी ने यही पैटर्न अपना कर लोगों को इकट्ठा किया था। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
कानपुर पुलिस का कहना है कि 26 मई को भाजपा नेता नूपुर शर्मा के एक बयान के बाद हयात के कहने पर 3 जून को परेड बाजार बंदी का ऐलान किया गया और 5 जून को जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया था। इसके लिए पूरे इलाके में पोस्टर लगवाए गए थे। आरोप है कि हाशमी ने लोगों को उकसाया, जिसके बाद पथराव हुआ और दो समुदायों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कई पुलिस कर्मियों सहित 30 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस कुछ आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस जांच में कानपुर हिंसा के तार चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, PFI से भी जोड़े जा रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा; लगेगी रासुका, चलेगा बुलडोजर
इस बीच कानपुर हिंसा मामले में वायरल वीडियो से उपद्रवियों को खोजा जा रहा है। सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद एसआईटी का गठन हो गया है। मामले में अब तक 35 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही 40 नामजद सहित एक हजार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। सीएम योगी ने कहा है कि सभी अपराधियों पर रासुका लगाने के साथ बुलडोजर कार्यवाही भी होगी।
आपको बता दें कानपूर में झड़प उस समय हुई जब एक समूह ने दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की, जिसका दूसरे समूह ने विरोध किया। इससे तनाव बढ़ गया और पथराव किया गया, कच्चे बम फेंके गए। जिसके बाद उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
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