फार्मासिस्ट लाइसेंस के फर्जीवाड़े पर कसी नकेल, जिस राज्य में रजिस्ट्रेशन अब उसी में कर सकेंगे काम

जयपुर 

फ़ार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया ने फार्मासिस्ट लाइसेंस के फर्जीवाड़े पर नकेल कसते हुए बड़ा वार किया है।  अब देश में फार्मासिस्ट वहीं काम कर सकेंगे जिस राज्य में उनके लाइसेंस का पंजीकरण है। यानी उनको बाहरी राज्यों में अपने प्रोफेशन का कामकाज करने की अनुमति नहीं होगी। फार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया की रजिस्ट्रार अर्चना मुद्गल ने पत्र जारी करके निर्देश जारी किए हैं।

फ़ार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया के नए निर्देशों के अनुसार अब जिस राज्य में फार्मासिस्ट का पंजीकरण होगा, वह उसी राज्य में दवा की दुकान, दवा कंपनी का एमआर या शिक्षण संबंधी कार्य कर सकेंगे। इसके अलावा बाहरी राज्यों में उन्हें अपने प्रोफेशन का कामकाज करने की अनुमति नहीं होगी। फ़ार्मेसी कौंसिल ने कहा है कि फार्मासिस्ट जिस राज्य कौंसिल में पंजीकृत है, वह उसी राज्य में अपने फार्मा फ़ार्मेसी प्रोफेशन से संबंधित काम कर सकते है।

फ़ार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि अब नए आदेशों के तहत जिन फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन जिस राज्य में है और उनका प्रोफेशन दूसरे राज्य में मिला तो यह फार्मेसी एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि अभी तक एक राज्य में लाइसेंस किराए पर लगाकर, खुद दूसरे राज्य में शिक्षा, उत्पादन या मार्केटिंग का काम करने का फर्जीवाड़ा खूब हो रहा है। अब नए आदेश जारी होने के बाद ऐसे फर्जीवाड़े पर अंकुश लग जाएगा।

इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा ने बताया कि पीसीआई को लगातार फार्मासिस्ट के लाइसेंस के दुरुपयोग करने की शिकायत मिल रही थी। इसमें कोई फार्मासिस्ट अगर राजस्थान में रजिस्टर्ड है तो वह एक निजी दवा कंपनी में नौकरी तो राज्य में कर रहा है लेकिन उसका फार्मेसी का पंजीकरण पत्र किराए पर लगाकर दूसरे राज्यों में दवा की फैक्ट्री, फ़ार्मेसी कॉलेज, दवा की दुकान आदि का काम अन्य लोग कर रहे हैं। जिस कारण से फार्मासिस्ट के लाइसेंस का दुरुपयोग हो रहा था।

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