जयपुर
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रेरणा से रुक्टा (राष्ट्रीय) एवं जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी में ‘ब्रिटिश काल से पहले और बाद में भारतीय शिक्षा प्रणाली और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: उच्च शिक्षा में एक आदर्श बदलाव’ विषय पर मंथन किया गया और वक्ताओं ने आदर्श बदलाव की जरूरत बताई।
जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, जयपुर में दो दिन तक चली इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने बताया कि महासंघ द्वारा संपूर्ण देश में ‘स्व’ आधारित तंत्र की आवश्यकता और इसके अनुरूप भविष्य बने इस हेतु तैयारी के क्रम में निरंतर जनजागरण के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान के वित्त विभाग के सचिव डॉ. के के पाठक थे। उन्होंने भारतीय दर्शन और जीवन शैली की वास्तविकताओं का विषद विवेचन करते हुए कहा कि केवल शिक्षा के माध्यम से ही हम वास्तविक लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। विशिष्ट अतिथि महर्षि दयानंद सरस्वती, अजमेर के कुलपति प्रो. अनिल कुमार शुक्ला ने भी भारतीय ज्ञान परंपरा और राष्ट्र की आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला।
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रुक्टा (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार शर्मा के साथ ही जेएनयू के प्रो चांसलर प्रो. एच एन वर्मा, जेएनयू के वाइस चांसलर प्रो. आर एल रैना भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. योगेश चन्द्र शर्मा ने संगोष्ठी की प्रस्तावना रखी।
प्रथम तकनीकी सत्र
प्रथम तकनीकी सत्र में प्रो नन्दकिशोर पाण्डेय, विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर मुख्य वक्ता एवं प्रो. एम एल छीपा, पूर्व कुलपति महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर एवं अटल बिहारी वाजपेई हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल ने सत्र की अध्यक्षता की एवं संम्भागियों ने शोध पत्र वाचन किया।
द्वितीय तकनीकी सत्र
द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ. राजेश व्यास,संयुक्त निदेशक राजभवन सचिवालय मुख्य वक्ता एवं प्रो राजीव सक्सेना राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर ने सत्र की अध्यक्षता की।डॉ. वीरेन्द्र बांकावत, से.नि. आईएएस एवं डॉ. नन्द सिंह नरुका, पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड, जयपुर ने तृतीय सत्र में मुख्य वक्ता एवं अध्यक्ष की भूमिका का निर्वहन किया।
समापन सत्र
समापन समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिंघल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत की अपेक्षाओं को पूर्ण करने वाली है। सभी संबंधित पक्षों को इसका क्रियान्वयन इसकी मूल भावना के अनुरूप करना चाहिए।
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