राजस्थान में बसपा ने बदली रणनीति, अब उठाया ये बड़ा कदम | त्रिशंकु विधानसभा की आशंकाओं से घिरे हैं सभी दल

जयपुर 

राजस्थान में त्रिशंकु विधानसभा की आशंकाओं के बीच बसपा (BSP) ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। माना जा रहा है कि यह बदलाव पिछली घटनाओं का सबब है जब दो विधान सभा चुनावों में पार्टी के टिकट पर जीते सभी विधायक  कांग्रेस की गोद में जा बैठे थे और पार्टी हाथ मलती रह गई थी पार्टी का इस बार दावा है कि वह 18 से 20 सीट जीत सकती है

पिछली घटनाओं से सबक लेते हुए बसपा ने पार्टी के विधायकों को टूटने से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। त्रिशंकु विधानसभा की संभावनाओं को देखेते हुए पार्टी ने अब संकेत दिए हैं कि राजस्थान में किसी की भी सरकार बने; वह उसमें सशर्त शामिल होगी। यानी भाजपा की अगुवाई में सरकार बनती है तो बसपा उसमें भी शामिल होने से परहेज नहीं करेगी। लेकिन पार्टी के जीते विधायकों को उस सरकार में मंत्री बनाना होगा।

बसपा राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि इस बार सरकार में विधायकों को मंत्री बनाने की शर्त के साथ ही भागीदारी होगी। चाहे सरकार भाजपा बनाए या कांग्रेस। उन्होंने साफ कहा कि बसपा मंत्री पद की शर्त के साथ सरकार में भागीदारी निभाएगी। माना जा रहा है कि विधायकों में टूटन रोकने के लिए ही बसपा ने अपनी रणनीति में यह अहम बदलाव किया है।

सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर किया रणनीति का खुलासा
बसपा ने अपनी इस रणनीति का खुलासा सोशल मीडिया पर एक  वीडियो पोस्ट करके किया है। इसमें पार्टी के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा कह रहे हैं कि 3 दिसंबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आना है। बसपा ने बड़ी मजबूती के साथ चुनाव लड़ा। जैसा कि दिखाई दे रहा है कि बसपा 18 से 20 सीटों पर मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि दो बार 2008 और 2018 में बिना शर्त कांग्रेस को समर्थन दिया। लेकिन कांग्रेस ने दोनों बार कांग्रेस ने विधायकों को तोड़ने का काम किया है।

भगवान सिंह बाबा ने आगे कहा कि इस बार जो विधायक जीतकर आएंगे, उनका समर्थन किसी भी दल को बिना शर्त के नहीं देंगे। हम जीतने वाला विधायकों को मंत्री बनाएंगे। ऐसे में माना जा सकता है कि बसपा विधायक को मंत्री बनाने के शर्त पर किसी भी दल के साथ गठबंधन कर सकती है। चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस। विश्लेषकों का मानना है कि बसपा अपनी इस रणनीति से पार्टी में टूटन बचा सकती है।

आपको बात दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आ रहे हैं। सट्टा बाजार के दावे और एग्जिट पोल की मानें तो इस बार राजस्थान में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में बसपा जैसे तीसरे दल की दावेदारी बढ़ जाएगी।  गुरुवार को आए 8 एग्जिट पोल में 5 ने भाजपा के सत्ता में आने के और बाकी ने कांग्रेस की वापसी का दावा किया है।

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