जयपुर
मुख्यालय से बाहर नवसृजित ए.डी.जे. न्यायालयों को विभिन्न प्रकरणों की सुनवाई के लिए स्थानीय क्षेत्राधिकार के अंतर्गत शक्तियां प्रदान की जाएंगी। राज्य सरकार ने इस आशय के प्रस्ताव का प्रशासनिक अनुमोदन कर दिया है। अब इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी होने के बाद 8 ए.डी.जे. न्यायालयों को पारिवारिक मामलों व मोटर दुर्घटना दावों तथा 4 ए.डी.जे. न्यायालयों को एन.डी.पी.एस मामलों की सुनवाई की शक्तियां प्राप्त हो सकेंगी।
प्रस्ताव के अनुसार मुख्यालय से बाहर खैरथल-तिजारा जिले के भिवाड़ी (अलवर न्यायक्षेत्र), चूरू के तारानगर, बीकानेर के नोखा, बांसवाड़ा के कुशलगढ़, नागौर के जायल (मेड़ता न्यायक्षेत्र), अनूपगढ़ के रायसिंह नगर (श्रीगंगानगर न्याय क्षेत्र), दूदू के फागी (जयपुर जिला न्यायक्षेत्र) एवं नीमकाथाना जिले के खेतड़ी (झुंझुनूं न्याय क्षेत्र) में नवसृजित ए.डी.जे. न्यायालयों को पारिवारिक मामलों तथा मोटर दुर्घटना दावों की सुनवाई की शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
इसी प्रकार, मुख्यालय से बाहर अपर जिला एवं सेशन न्यायालय यथा नागौर के जायल (मेड़ता न्याय क्षेत्र), अनूपगढ़ के रायसिंह नगर (श्रीगंगानगर न्यायक्षेत्र), दूदू जिले के फागी (जयपुर जिला न्यायक्षेत्र) एवं नीमकाथाना जिले के खेतड़ी (झुंझुनूं न्याय क्षेत्र) के ए.डी.जे. न्यायालयों को एन.डी.पी.एस. मामलों की सुनवाई की शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
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