जयपुर
हजारों करोड़ के जल जीवन मिशन योजना में घोटाले को लेकर ED की टीम ने शुक्रवार सुबह जयपुर में जलदाय मंत्री महेश जोशी और जलदाय विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल समेत कई अफसरों के दो दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर रेड की है। सुबह करीब 8 बजे ईडी की टीम सचिवालय पहुंची और वहां भी छाप मार है। इन छापों से अधिकारियों और ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है। राजधानी जयपुर से लेकर कई प्रमुख शहरों में ईडी की कार्रवाई हुई है।
वहीं, केडी गुप्ता, चीफ इंजीनियर, दिनेश गोयल, इंजीनियर और रामकरण शर्मा, प्रॉपर्टी डीलर के जयपुर स्थित ठिकानों पर भी छापामार कार्रवाई जारी है। माना जा रहा है कि ईडी की इस कार्रवाई के दौरान कई बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं। मामले में सुबोध अग्रवाल की जल्द गिरफ्तारी भी हो सकती है।
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गहलोत ने पूछा-सिर्फ राजनेताओं पर ही छापे क्यों?
इन छापों को लेकर इस छापेमारी पर सीएम गहलोत ने कहा,’क्या इतने बड़े मुल्क में आर्थिक अपराध नहीं हो रहे हैं? AGENCIES को वहां ध्यान देना चाहिए। ED का ध्यान सिर्फ़ राजनेताओं पर जा रहा है। हमारे अध्यक्ष डोटासरा व मेरे पुत्र के पास कुछ नहीं मिला ED को। सरकार गिराने के लिए ED का उपयोग करना ग़लत है। चुनाव जीतने के लिए ED सीबीआई के ज़रिए घिनौनी राजनीति हो रही है।
‘जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा है कि ईडी निष्पक्ष होकर जांच करे। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल में ईडी क्यों एक्टिव हो गई ये सभी को पता है। मुझे मीडिया से जानकारी मिली है की सचिवालय स्थिति मेरे दफ्तर में छापे मारी की गई है।
इस मामले में ईडी कुछ सप्ताह पहले ही घोटाले से जुड़े ठेकेदारों और अन्य लोगों के यहां पर छापे मार चुकी है। सितंबर के महीने में ईडी ने जयपुर में जल जीवन मिशन से जुड़े संदिग्धों के कई बैंक लॉकरों की तलाशी ली। इस दौरान 5.86 करोड़ रुपये का सोना और चांदी जब्त किया गया। ईडी को कुल मिलाकर 9.6 किलो सोना और 6.3 किलो चांदी बरामद हुआ था। इस दौरान ईडी की टीम ने ढाई करोड़ कैश बरामद किया था।
आपको बात दें कि ACB की ओर से पदमचंद जैन सहित निजी ठेकेदारों और अन्य के खिलाफ अवैध सुरक्षा हासिल करने, टेंडर हासिल करने, बिलों को मंजूरी देने और कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े अनियमितताओं को छिपाने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। इन सभी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) के अधिकारियों को रिश्वत दी। इसके बाद जल जीवन मिशन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने जांच की शुरुआत की।
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जून में आरोप लगाया था कि राजस्थान में जल जीवन मिशन को लागू करने के नाम पर 20 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि मिशन के 48 प्रोजेक्ट्स में फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट्स के आधार पर दो कंपनियों को 900 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए गए।
किरोड़ी मीना ने कहा था, ‘केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत 2000 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। ये सब पीएचईडी मंत्री और विभाग के सचिव के जरिए मिलकर किया गया है।‘
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