रेलवे के इन कर्मचारियों पर मंडराया संकट, सरेंडर किए जाएंगे पद, रेलवे बोला; गैर जरूरी हैं ये पद, जानिए क्या है पूरा प्लान   

नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो 

रेलवे में अब उन कर्मचारियों पर संकट के बादल मंडरा गए हैं जिनके पास अब काम का बोझ या तो बहुत काम हो गया है या फिर उनके पास काम ही नहीं है। रेलवे ने अब ऐसे कर्मचारियों को उनके वर्तमान कार्यस्थल से मुक्त कर रेलवे के ही दूसरे विभागों में  खपाने की कवायद शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन कम सीईओ वीके त्रिपाठी ने सभी जोनल रेलवे के साथ ही सभी मंडलों के डीआरएम को इस बाबत एक पत्र जारी किया है।

दरअसल रेलवे के जिन कर्मचारियों पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं उनको रेलवे अब गैर  जरूरी मान कर चल रहा है इसलिए रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2022-23 की शुरुआत के साथ ही मैन पावर प्लानिंग में बड़े बदलाव की कवायद शुरू कर दी है। इसके  रेलवे कई विभागों के गैर जरूरी पदों को सरेंडर कर देगी। ये पद  टिकटिंग सुरक्षा समेत दूसरे ऐसे विभागों में हैं जिनका वर्क लोड कम हो गया है। उन विभाग के कर्मचारियों को दूसरे विभागों में एडजस्ट कराया जाएगा।

रेलवे बोर्ड के पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि रेलवे के विभागों में मैन पावर को युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया एक महीने में पूरी करनी होगी। रेलवे में ऐसे कई विभाग है जिनमें अब कर्मचारियों की जरूरत लगभग खत्म हो गई है। उन कर्मचारियों को दूसरे विभागों में शिफ्ट किया जाएगा। दूसरी ओर जरूरी विभागों में जहां कर्मचारियों की कमी है , उन विभागों में जरूरत के मुताबिक आउट सोर्स पर भी कर्मचारी रखे जाएंगे।

बियरर, असिस्टेंट कूक, बिल पोस्टर, वाचर, टाइपिस्ट, सेनेटरी हेल्पर, माली, कारपेंटर, पेंटर, गार्डनर, असिस्टेंट कैटरिंग सेल्समैन कैटरिंग किचन असिस्टेंट असिस्टेंट कैटरिंग वेंडर जैसे पदों कोई युक्तिसंगत बनाया जाएगा। रेलवे जरूरत के मुताबिक इन पदों पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बहाल करेगी। इसके साथ ही नई तकनीक और नीतियों के लागू होने की वजह से बॉयलर, फोर्जिंग शॉप्स जैसे विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब दूसरे जरूरी विभागों में काम पर लगाया जाएगा।

योजना के अनुसार विभागों के कर्मचारी जो कर्मचारी कम कुशल हैं और उनके प्रमोशन की संभावना नहीं है उनको दूसरे विभागों में शिफ्ट किया जाएगा। इनमें स्टोर खलासी, पेंटर, कारपेंटर जैसे पद हैं जिन्हें जरूरी विभागों में भेजा जाएगा। कंप्यूटराइजेशन, आईटी एप्लीकेशन और आईटी आधारित मॉनिटरिंग एप्लीकेशन के उपयोग से अब टाइम ऑफिस, ईडीपी डिपार्टमेंट, स्टैटिसटिक्स डिपार्टमेंट, टिकटिंग, सिक्योरिटी जैसे विभागों के कर्मचारियों के काम का दबाव कम हो गया है। ऐसे विभागों के कर्मचारियों को उनकी कुशलता और कार्यक्षमता के अनुसार दूसरे विभागों में एडजस्ट किया जाएगा।

आउटसोर्सिंग पर बहाली से पहले करना होगा पोस्ट सरेंडर
रेलवे बोर्ड चेयरमैन के पत्र में यह भी साफ़ कर दिया गया है कि किसी भी तरह के आउटसोर्सिंग का प्रस्ताव कार्मिक विभाग और अकाउंट विभाग के माध्यम से लाया जाएगा। आउटसोर्सिंग का प्रस्ताव लाने के लिए संबंधित मैन पावर सरेंडर करने होंगे। अगर पहले से आउटसोर्सिंग की व्यवस्था बहाल है तो उसके लिए सरेंडर किए गए पोस्ट को प्रस्ताव के साथ लिंक करना होगा। अगर आउटसोर्स किया गया है और उससे जुड़े पदों को सरेंडर नहीं किया गया है तो उन्हें तत्काल सरेंडर भी करना होगा।

एजीएम और रेल मंडलों में एडीआरएम को सौंपी जिम्मेदारी
मैन पावर को युक्तिसंगत बनाने के लिए जोनल स्तर पर एजीएम- अपर महाप्रबंधक और मंडल स्तर पर एडीआरएम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। एक विभाग से दूसरे विभाग में जाने वाले कर्मचारी को ट्रेनिंग देकर मल्टीटास्किंग बनाया जाएगा।

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