जयपुर
आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा में संयुक्त निदेशक के पद पर RAS अफसर को बैठाने के खिलाफ प्रदेशभर में कॉलेज और यूनिवर्सिटी शिक्षकों में नाराजगी बढ़ गई है। मंगलवार को ABRSM राजस्थान (उच्च शिक्षा) के आह्वान पर पूरे प्रदेश के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में भारी संख्या में शिक्षकों ने इस नियुक्ति के विरुद्ध नारे लिखी पट्टियों के साथ प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया। शिक्षकों ने विरोध स्वरूप काली पट्टियां भी बांधीं।
आपको बता दें कि तीन दिन पहले ही गहलोत सरकार ने RAS अफसरों की जम्बो ट्रांसफर सूची जारी की थी जिसमें सरकार ने एक RAS अधिकारी की नियुक्ति आयुक्तालय, कॉलेज शिक्षा राजस्थान, जयपुर में संयुक्त निदेशक के पद पर कर दी थी। कॉलेज और यूनिवर्सिटी शिक्षक इसी नियुक्ति का विरोध करते हुए मांग कर रहे हैं कि इस पद पर कॉलेज शिक्षा से जुड़े अधिकारी को ही नियुक्त किया जाए।
ABRSM राजस्थान (उच्च शिक्षा) के महामंत्री डॉ. सुशील कुमार बिस्सु ने बताया कि संयुक्त निदेशक पद पर वरिष्ठ प्राचार्य के बजाय आरएएस अधिकारी की नियुक्ति किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। संगठन इसका प्रखर विरोध जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति सरकार के जन घोषणा पत्र के पूर्णतः विरुद्ध की गई है, जिसमें प्रदेश के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की अकादमिक स्वतन्त्रता और स्वायत्तता को सुनिश्चित किए जाने की वचनबद्धता थी।
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डा. बिस्सु ने बताया कि सरकार की 31 जनवरी, 2018 एवं 14 अक्टूबर, 2022 को प्रसारित अधिसूचना में भी स्पष्ट नियम है कि संयुक्त निदेशक के पद पर केवल प्राचार्य को ही लगाया जा सकता है, किन्तु अब स्थानान्तरण द्वारा संयुक्त निदेशक के पद पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की नियुक्ति कर दी है, जिससे प्रदेश में कॉलेज शिक्षा का अकादमिक और शैक्षिक ढाँचा पूरी तरह से अस्त- व्यस्त होने की आशंका कड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा जैसे संवेदनशील तंत्र के संचालन को उच्च शिक्षा क्षेत्र के विशिष्ट अनुभवी शिक्षकों के हाथ से छीन कर पूर्णत: प्रशासनिक तन्त्र के अधीन करना निश्चित रूप से राज्य की उच्च शिक्षा के लिए घातक कदम साबित होगा।
संगठन के अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय में संयुक्त निदेशक के पद पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की नियुक्ति राज्य सरकार के अपने ही प्रावधानों के विपरीत है। इस अवैधानिक और अनुचित निर्णय से उच्च शिक्षा में सेवारत अनुभवी शिक्षकों का मनोबल और कार्यक्षमता प्रभावित होने से राज्य का शैक्षिक पर्यावरण दुष्प्रभावित होने की संभावना है।
डा. शर्मा ने मांग की है कि राजस्थान सरकार संयुक्त निदेशक पद पर किए गए आर.ए.एस. अधिकारी के पदस्थापन को अविलम्ब निरस्त कर किसी वरिष्ठ प्राचार्य को नियुक्त किया जाए। अन्यथा आज काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन से प्रारम्भ हुआ यह आन्दोलन थमेगा नहीं। राज्य की उच्च शिक्षा में नौकरशाही के अनावश्यक, अनुचित और अवैधानिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए उच्चशिक्षा शिक्षक समुदाय आगे भी बहु आयामी आन्दोलन करेगा।
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