CDS का हेलिकॉप्टर क्रैश हादसा या साजिश; पूर्व ब्रिगेडियर सुधीर सांवत ने जताया शक, इस संगठन का लिया नाम, बोले; NIA से कराइ जाए जांच

नई दिल्ली 

CDS जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश को लेकर शक गहरा गया है सेना ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन सेना के ही एक  रिटायर्ड ब्रिगेडियर सुधीर सांवत इसे महज हादसा नहीं मानते। उनका शक है कि इस हादसे के पीछे बहुत बड़ी साजिश हो सकती है। सांवत ने इस हादसे को लेकर LTTE-ISI पर शक जताया है और मांग की है कि इस घटना की NIA से जांच कराइ जानी चाहिए

आपको बता दें कि बुधवार को  तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया था। इस हादसे में उनके साथ उनकी पत्नी और अन्य 11 लोगों की भी मौत हो गई। उस हेलिकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे।

एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान रिटायर्ड ब्रिगेडियर सुधीर सांवत ने  स हादसे पर शक जाहिर करते हुए कहा कि ‘यहां के लोगों का भी LTTE को भरपूर समर्थन रहता आया है। ऐसे में पूरी आशंका है कि CDS का हेलिकॉप्टर क्रैश एक साजिश के तहत किया गया हमला हो, जिसमें LTTE के स्लीपर सेल शामिल हों। अगर ये हमला हुआ तो इसमें ISI का भी LTTE को समर्थन और सहयोग हो सकता है।’

रिटायर्ड ब्रिगेडियर सुधीर सावंत  ने कहा कि CDS के हेलिकॉप्टर को निशाना बनाना LTTE की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। LTTE का कैडर IED बम प्लांट करने में एक्सपर्ट हैं। इसके अलावा LTTE के पास भारत के सबसे बड़े फौजी को मारने का मोटिव भी मौजूद है। NIA को इस भयानक हेलिकॉप्टर क्रैश की जांच करनी चाहिए।

ब्रिगेडियर सावंत ने हेलिकॉप्टर क्रैश के पीछे बातें ये वजहें
ब्रिगेडियर सावंत बताते हैं कि, कोई भी प्लेन या हेलिकॉप्टर क्रैश होने के पीछे तीन वजहें होती हैं। पहली- टेक्निकल फॉल्ट, दूसरी- पायलट एरर और तीसरी- बम प्लांट करके ब्लास्ट करना। पहले दोनों केस में पायलट और एयर कंट्रोल का कम्युनिकेशन होता है। पायलट मदद की मांग करता है और ये सारी बातचीत ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड हो जाती है। अब ब्लैक बॉक्स भी मिल गया है। इसलिए अगर यह महज हादसा है तो जानकारी सामने आ ही जाएगी।

ब्रिगेडियर सावंत

उन्होंने बताया कि तीसरी आशंका है कि हेलिकॉप्टर में बम प्लांट करके ब्लास्ट किया गया हो। इस केस में पायलट और एयर कंट्रोल के बीच कोई कम्युनिकेशन नहीं हो पाता है और सब कुछ अचानक हो जाता है।ये इलाका LTTE का गढ़ रहा है तो ये पूरी आशंका है कि इस हमले के पीछे LTTE का स्लीपर सेल हो।

ब्रिगेडियर सावंत ने कहा कि  ‘मैं कमांडो इंस्ट्रक्टर था और हमने LTTE से मुठभेड़ भी की है, इसलिए हमें LTTE की सारी नब्ज पता हैं। उनके अटैक करने का स्टाइल बिल्कुल इसी तरह का है जिस तरह से ये हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है।’ जिस इलाके में हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है, वो वीरप्पन का इलाका भी रहा है। साथ ही LTTE का गढ़ भी। ऊटी, कोयंबटूर, मेत्यूपालन का पूरा जंगल वीरप्पन का इलाका रहा है। ‘LTTE काफी वक्त से भारत और भारतीय सेना से बहुत नाराज है। भारत ने LTTE को तबाह कर दिया और जाफना से लेकर तमिलनाडु तक इनका नेटवर्क तोड़ के रख दिया। हो सकता है कि ISI और LTTE ने इसको मिलकर अंजाम दिया हो।’

ब्रिगेडियर सावंत बताते हैं कि- ‘अगर कोई ये मानता है कि LTTE के पास अब कोई असलहा, बारूद और टेक्निकल सपोर्ट नहीं बचा है तो वो गलतफहमी में है। LTTE के पास आज भी रायफल से लेकर एक्सप्लोसिव तक सब कुछ है। ह्यूमन बॉम्ब का इस्तेमाल करना भी LTTE ने ही शुरू किया। LTTE में एक्सप्लोसिव से भरी गाड़ी ठोककर ब्लास्ट कर देने जैसी आत्मघाती हमले करने की क्षमताएं हैं। हो सकता है कि इस घटना में छोटी दूरी का वार करने वाली मिसाइल का इस्तेमाल किया गया हो।’

‘इनसाइडर जॉब भी हो सकता है’
ब्रिगेडियर सावंत कहते हैं कि- ‘हेलिकॉप्टर में बम प्लांट करना आसान नहीं है, आखिरी वक्त में डेटोनेटर और बम का कनेक्शन भी होना चाहिए। ये इनसाइड जॉब भी हो सकता है। उस इलाके के कई आम लोग भी LTTE समर्थक हैं। इस तरह के हमले को अंजाम देने के लिए सिर्फ दो लोग ही चाहिए होते हैं। ऐसी घटना को अंजाम देने के लिए LTTE को बड़े कैडर की जरूरत नहीं है। एक दो लोग मिलकर भी इस हमले को अंजाम दे सकते हैं।’

आपको बता दें कि  LTTE (Liberation of Tamil Tiger Eelam) वही संगठन है जिसने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की थी इसका प्रमुख प्रभारकन था इस संगठन ने ही सबसे पहले आत्मघाती हमलों की शुरुआत की थी

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