नन्हीं आरोही खण्डेलवाल ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

गुमला 

प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। अगर इंसान में किसी काम को करने की लगन हो और वह ठान ले तो उसे आसानी से पूरा किया जा सकता है।

यह नन्हीं प्रतिभा है आरोही खण्डेलवाल, जो मात्र 7 साल की है और पहली कक्षा में पढ़ रही है। यह इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के साथ ही एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करवा चुकी है। अब इसका नाम व्लर्ड रिकॉर्ड ऑफ बुक में भी दर्ज हो गया है। इस नन्हीं प्रतिभा ने मात्र 1 मिनट 58 सैकण्ड में हनुमान चालीसा पढ़कर विश्व रिकॉर्ड बना लिया है।

झारखण्ड के गुमला निवासी आरोही खण्डेलवाल को उसकी इस उपलब्धि के लिए वहां के उपायुक्त शिविर सिन्हा ने मैडल पहनाकर और प्रमाण-पत्र भेंटकर अपने कार्यालय में सम्मानित किया।

आज हम आपकी मुलाकात एक ऐसी बाल प्रतिभा से करा रहे हैं, जिसने बहुत छोटी उम्र में ऐसा काम किया है, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। उसने अपना, अपने घर-परिवार का तो नाम रोशन किया ही है। समाज भी आज इस नन्हीं प्रतिभा पर गौरवान्वित है।

झारखण्ड के गुमला निवासी व्यापारी रूपेश खण्डेलवाल और श्रीमती सीमा खण्डेलवाल के घर 9 दिसम्बर, 2014 को जन्मी आरोही खण्डेलवाल अभी मात्र पहली कक्षा में पढ़ रही है, लेकिन बहुत कम उम्र में उसने ऐसा पाठ पढ़ा दिया है, जो बड़े-बड़ों को सोचने को मजबूर करता है। नन्हीं आरोही ने मात्र 1 मिनट 58 सैकण्ड में पूरा हनुमान चालीसा सुनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा लिया है।

स्व. हरिओम खण्डेलवाल और श्रीमती मंजू देवी खण्डेलवाल की पोती  एवं शिवाय की बहन आरोही धार्मिक प्रवृति की है। आरोही को पेंटिंग के साथ नृत्य का भी शौक है।

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