भरतपुर
भरतपुर शहर के सार्वजानिक स्थल, पार्क, दीवारें, बिजली के पोल, सरकारी कार्यालय आदि स्थल पोस्टरों और दीवार लेखन से बदरंग हो चले हैं। यहां तक कि पुरातत्व महत्व के स्थलों को भी नहीं बख्शा है जबकि नियम ये है कि बिना परमिशन के कोई भी सार्वजानिक स्थलों पर न तो अपने बोर्ड लगा सकता है और ना पोस्टर आदि चस्पा कर प्रचार प्रसार कर सकता है। ये सब नगर निगम की निगाह में हैं। इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
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इस बाबत पार्षद दीपक मुदगल ने नगर निगम आयुक्त सुभाष गोयल को एक ज्ञापन देकर शहर की बदरंग स्थिति से अवगत कराया है और कहा है कि शहर के सार्वजनिक स्थान,पार्कों की दीवार, पोल, सरकारी कार्यालयों की दीवार व पुराने दरवाजे बदरंग हो चले हैं। ज्ञापन में बताया गया कि निगम प्रशासन शर के इन स्थलों की सुंदरता को बनाए रखने के लिए हर साल लाखों का खर्चा करता है। लेकिन यह स्थल निगम की निष्क्रियता से फिर बदरंग हो जाते हैं। ज्ञापन में बताया गया कि बी नारायन गेट, मंडी अटलबंद का गेट, सुजान गंगा नहर की बाउंड्री सब स्थल पुते हुए हैं।
पार्षद ने कहा कि जहां एक तरफ धार्मिक स्थानों पर भगवान के नाम या तिरंगे के रंग से लाइट पोलों को सजाया जा रहा है, वहीं कुछ लोग मनमर्जी कर विरूपण कर रहे हैं। पार्षद मुदगल ने मांग की कि संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर तुरंत प्रभाव से शहर के मुख्य दरवाजे, लाइट पोल, लाइट बॉक्स, सरकारी दीवारों व सार्वजनिक स्थानों से सफाई करवाई जाए व संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
पार्षद के अनुसार नगर निगम आयुक्त ने जल्द ही इन लोगों के खिलाफ विरूपण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही करने और लिखे शब्दों को साफ करवाने का आश्वासन दिया है।
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