अपनी पीड़ा बताने मुख्यमंत्री के घर पहुंचे कच्चा परकोटा के बाशिंदे

भरतपुर 

कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा बताते हुए मांग की कि भरतपुर शहर के कच्चे परकोटे पर रहने वाले लोगों से पट्टा शुल्क जमा करने के उपरांत एवं आपत्ति सुधा पत्रावलियों का निस्तारण कराकर सभी शेष पत्रावलियों के पट्टे नगर निगम प्रशासन से दिलाए जाएं। ज्ञापन की प्रति निर्देशक एवं संयुक्त सचिब स्वाय़ात शासन विभाग राजस्थान सरकार जयपुर को भी दी गई।

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प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन में अवगत कराया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 के तहत भरतपुर शहर के कच्चे डंडे पर रहने वाले लगभग 1640 आवेदकों द्वारा पट्टे हेतु आवेदन किया गया जिसमें से लगभग 1250 लोगों का शुल्क जमा कराकर विधानसभा के चुनाव से पूर्व लगभग आठ सौ लोगों को पट्टे वितरित किए गए। शेष शुल्क जमा पत्रावली योलियों के पट्टे नगर निगम प्रशासन द्वारा सभी कार्यवाही पूर्ण होने के बावजूद नहीं दिए जा रहे हैं।

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ज्ञापन में बताया गया कि जिन पट्टों की पत्रावलियों पर आपत्ति दर्ज हुई थी उन पत्रपालियों पर संपूर्ण कार्रवाई होने के उपरांत भी निस्तारण करने का कार्य भी नगर निगम प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है जिसके कारण लगभग 800 परिवार पट्टों के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं।

ज्ञापन में अवगत कराया गया कि 69 ए स्टेट ग्रांट एक्ट कच्ची बस्ती कृषि भूमि आदि की हजारों पत्रावलियां भी नगर निगम कार्यालय में पेंडिंग पड़ी हुई है। मुख्यमंत्री कार्यालय में मौजूद ओएसडी ललित कुमार के द्वारा निदेशक स्थानीय निकाय विभाग जयपुर के स्तर से कार्रवाई करने का प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया।

संघर्ष समिति ने दिए गए ज्ञापन में चेतावनी दी है कि नगर निगम भरतपुर प्रशासन की अनदेखी एवं लापरवाही को लेकर पत्तों से वंचित लोगों में गहरा आक्रोश एवं रोष व्याप्त है नगर निगम प्रशासन लोगों को आंदोलन करने पर मजबूर कर रही है कई बार आयुक्त नगर निगम भरतपुर को अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया लेकिन  नगर निगम प्रशासन द्वारा कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही  है।

ज्ञापन में अवगत कराया गया कि राजस्थान सरकार द्वारा इस प्रकार के पट्टे देने पर किसी प्रकार की रोक नहीं है। उक्त अभियानों की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2024 निश्चित है लेकिन नगर निगम प्रशासन किसी प्रकार की सुनवाई करने के लिए तैयार नहीं है। अगर सरकार स्तर पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो संघर्ष समिति को आंदोलन के लिए सड़क पर उतरना होगा।

संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल में उप संयोजक श्रीराम चंदेल, सलीम खान, गफूर खान, नरेंद्र गौड़,अनबर खान, जावेद, राजेश दीक्षित एवं पूर्व नेता इंद्रजीत भारद्वाज सहित कई लोग शामिल थे।

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