जयपुर
SOG ने बड़ी कार्रवाई करते हुए RPSC सेकेंड ग्रेड भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा 2022 का पेपर बेचने वाले एक सरकारी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा को ओडिशा से गिरफ्तार कर लिया। अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह मीना पर भूपेंद्र सारण को 1 करोड़ रुपए में पेपर बेचने का आरोप था। यह आबूरोड के सरकारी स्कूल में पोस्टेड है। लेकिन पेपर लीक मामले में नाम सामने आने के बाद से ही फरार चल रहा था। उसकी एक प्रेमिका SBI में आफीसर है। SOG को इसी प्रेमिका से पता लगा कि वाइस प्रिंसिपल अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह मीना ओडिशा में है। इस पर एक टीम को उड़ीसा के लिए रवाना किया गया। लोकेशन ट्रेस होने पर जितेन्द्र शर्मा हेड कांस्टेबल एसओजी, सचिन तिवाड़ी,रामलाल, महावीर कांस्टेबल, हनुमान को उड़ीसा भेजा गया जहां से आरोपी को टीम ने गिरफ्तार किया। SOG की टीम उसे ओडिशा से जयपुर लेकर आ रही है। आरोपी से पेपर लीक के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की संभावना है।
आपको बता दें कि जेल में बंद एक और मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण ने पूछताछ के दौरान अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह से 4 पेपर खरीदने का खुलासा किया था। तभी से अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह SOG के राडार पर था। पुलिस लगातार उसको पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही थी। सरकार ने आरोपी अनिल उर्फ शेर सिंह मीना और सुरेश ढाका दोनों पर 1-1 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। अब शेर सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसे पेपर किसने उपलब्ध कराया; इसके राज खुल सकते है।
पेपर बेचने के बाद मिला पैसा प्रेमिका ने लगाया ठिकाना
एसओजी के अफसरों ने बताया किपेपर लीक प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के चलते जयपुर से शेरसिंह की प्रेमिका अनिता मीणा को पकड़ा गया था। वह एसबीआई बैंक में अफसर है और उसके बारे में सूचना मिली थी कि शेरसिंह के साथ मिलकर उसने पेपर बेचने और पेपर बेचने के बाद मिला पैसा ठिकाने लगाने का काम किया है। SOG को अनिता मीना से ही यह सुराग हाथ लगा कि शेरसिंह ओडिशा में छिपा हुआ है। इस सूचना पर SOG ओडिशा पहुंची और शेरसिंह मीना को दबोच लिया। अब उसे जयपुर लाया जा रहा है। शेरसिंह पर भूपेंद्र सारण को 1 करोड़ रुपए में पेपर बेचने का आरोप है। शेरसिंह जयपुर जिले के चौमूं स्थित दौला का बास का रहना वाला है और आबूरोड के स्वरूपगंज के भावरी गांव में सरकारी स्कूल में उसकी नियुक्ति है। वह लोगों को सरकार के कई मंत्री और शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों से अपनी जान-पहचान बताता रहता था।
जेल में बंद आरोपी भूपेन्द्र सारण ने पूछताछ में बताया था कि उसने शेर सिंह मीणा से पेपर खरीदा था। इसके बाद यह पेपर सुरेश ढाका को बेचा गया और सुरेश ढाका ने अपने साले सुरेश विश्नोई के सहयोग से अभ्यर्थियों को 5-5 लाख रुपए में बेचा था। अब शेरसिंह को सीनियर टीचर भर्ती का पेपर किसने उपलब्ध कराया। इसमें कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। शेरसिंह के दो भाई सरकारी नौकरी और एक छोटा भाई का गांव में किराना स्टोर है। गांव में शेर सिंह मीणा की मां और छोटा भाई रहते हैं।
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शेर सिंह मीना पहले जयपुर के फागी में स्थित सरकारी स्कूल में नौकरी करता था। उस समय पेपर लीक का आरोपी जगदीश बिश्नोई भी शिक्षक के पद पर कार्यरत था। यहां दोनों में दोस्ती हो गई थी। जगदीश बिश्नोई नकल कराने वाले गिरोह भूपेंद्र सारण की गैंग से जुड़ा हुआ था। भूपेंद्र सारण कई बार फागी में जगदीश से मिलने आता था। जहां जगदीश बिश्नोई ने ही शेर सिंह मीणा की भूपेंद्र सारण से दोस्ती करवाई थी।
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